" कहने का तात्पर्य यह है कि सड़क परिवहन की व्यवस्था के बिगड़ते हालात और लगातार ट्रैफिक बढ़ने की समस्या उत्पन्न हो रही है। निरंतर गाड़ियों की खरीदी बिक्री के साथ-साथ एक समस्या सभी के सामने आ रही है।"
आजकल देखा जा रहा है कि मां बाप अपने बच्चों को लापरवाही के चलते 18 साल से कम उम्र में भी गाड़ी चलाने के लिए इजाजत दे देते हैं या कई बार देखा गया है कि बच्चे खुद चोरी छुपे बाइक चलाते हैं।
18 साल की कम उम्र के बच्चों को गाड़ी चलाने देना गलत होने के साथ-साथ कानूनी का उल्लंघन भी है। मोटर व्हीकल एक्ट के दौरान 18 साल से कम उम्र के बच्चों को ड्राइविंग लाइसेंस की अनुमति नहीं है।
यदि छोटे बच्चों के द्वारा कोई हादसा या दुर्घटना होती है, तो पुलिस की कार्यवाही के दौरान उसकी सजा मां बाप को भुगतना पड़ सकता है । अधिकांश रूप से देखा जा रहा है कि बच्चे शौकिया तौर पर बाइक या मोटरबाइक स्टाइल मारने के लिए उम्र से पहले ही चला रहे हैं।
सड़क यातायात नियमों की जानकारी ना होने पर गलत ढंग से गाड़ी चलाने पर कई बार सड़क पर बड़ी दुर्घटना या हादसे हो जाते हैं, ऐसे में हम किसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं उन मां-बाप को जिन्होंने गाड़ी ले जाने के लिए बच्चे पर पाबंदी नहीं लगाई या उन बच्चों को जिन्होंने कानून का उल्लंघन करने की कोशिश की है।
वैसे कानूनी तौर पर देखा जाए तो यदि कोई नाबालिक गाड़ी चलाता हुआ पकड़े जाता है तो हमारी ट्रैफिक पुलिस 133/177 के तहत चालान काटती है , परंतु ऐसे मामलों में कई बार देखा गया है ट्रैफिक पुलिस को रिश्वत देकर या किसी जान पहचान में कॉल लगाकर काम चला लिया जाता है परंतु यह बहुत गलत है।
यदि लापरवाही के चलते किसी नाबालिग से एक्सीडेंट हो जाता है तो यदि जान माल की हानि होती है तो इसके चलते मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है इसके लिए धारा – 279 मौजूद है , इस धारा के तहत गाड़ी जप्त भी की जा सकती है और दोषी पाए जाने पर सजा भी। ऐसे में पीड़ित पक्ष आपसे मुआवजे का अधिकारी हो जाता है।
देखा जाए तो आजकल स्कूली बच्चे ट्रैफिक नियमों को रोधते हुए गाड़ी चला रहे हैं एवं ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते ऐसे में मां-बाप की जिम्मेदारी बन जाती है अपने छोटे-छोटे बच्चों को गाड़ी चलाने से रोकने के लिए, यदि अभिभावक इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो बच्चों को कौन रोकेगा गलत करने से। यह समझना होगा कि गाड़ी चलाने के लिए ट्रैफिक के रूल व नियम जानना और समझना जरूरी है। यदि यदि कम उम्र के बच्चे गाड़ी चलाते हैं और उनसे कोई दुर्घटना हो जाती है तो यह स्पष्ट है कि उनका गाड़ी रजिस्ट्रेशन रद्द होने के साथ-साथ 25 साल तक की उम्र में ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं बन सकेगा।
यदि देखा जाए तो नन्हें-नन्हें हाथों मैं गाड़ी देखकर , रोज होती दुर्घटनाओं की तादाद देखकर यह कहना अब बिल्कुल भी असहज नहीं लगता कि छोटे छोटे हाथों में यमराज डोल रहे हैं।
यह लेखक के स्वतंत्र विचार है
आशी प्रतिभा दुबे ( स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर ,मध्य प्रदेश
भारत