एटा बीते समय जिला मुख्यालय के एक पत्रकार के आवास और कार्यालय को तोड़ना प्रशासन को अब भारी पड़ सकता हैं, पीड़ित द्वारा शासनिक व प्रशासनिक स्तर पर न्याय हेतु गुहार लगाने के बाद सुनवाई न होने से आहत होने पर पीसीआई की शरण ली । बताते हैं कि पीसीआई ने मामले को गम्भीरता लेकर सूबे के प्रमुख सचिव, गृह सचिव, डीजीपी सहित एक दर्जन शासनिक प्रशानिक अफसरों को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया हैं । बरहाल पीसीआई की कार्यवाई से नीचे से ऊपर तक हड़कम्प मच गया हैं । इस सम्बन्ध में सिविल लाइन कचहरी रोड,निकट जिला जज आवास, एटा निवासी पुष्पांजलि टूडे के पत्रकार पीड़ित सोनू माथुर द्वारा बताया गया कि वो अनुसूचित जाति (धोवी) समाज से हैं और बैनामासुदा भूमि पर बने मकान में बर्षों से निवास कर रहे हैं, इसी भवन में उनका प्रेस कार्यालय था, लेकिन बीते दिनों उनके मकान और कार्यालय को प्रशासन द्वारा ध्वस्त कर दिया गया | सोनू के अनुसार प्रशासनिक स्तर से किये गये इस अत्याचार की शिकायत पीड़ित पत्रकार और उनके पिता प्रेमपाल ने जिले से लेकर शासन स्तर पर करते हुये न्याय की गुहार लगाई | मगर उनकी कहीं किसी स्तर पर सुनवाई नहीं हुई | तमाम स्तरों पर की गयी शिकायत में सोनू के पिता प्रेमपाल ने कहा कि वो सरकारी सेवा जिलाधिकारी एटा के चालक पद से सेवानिवृत्त है और अपनी मेहनत मजदूरी व पारवारिक जेवरात बेचकर उन्होंने वर्ष 1984 व 1985 में एक किता प्लाट जिलाधिकारी व जिला जज आवास के निकट गाटा संख्या-529 रकवा 0.37 है0 स्थित मौजा चैचा बनगाँव नौन जेड ए में मालिक व काविज व दर्ज कागजात हरिओम आदि से कराया था, जिसमें कब्जा व दखल करके व विधिवत रूप से नक्शा पास कराकर मकान का निर्माण कराया और सपरिवार रहते चले आ रहे थे । पीड़ित का कहना हैं कि बैनामासुदा बने मकान का वर्ष 1984-1985 से बिना किसी विरोध के व विवादरहित सपरिवार दिनांक 15.05.2022 तक आवाद रहता रहा तथा शशि शर्मा भी वर्ष 1986 में उक्त परिस्थिति में किये गये बैनामा के आधार पर मालिक व काविज रहे। शिकायत के अनुसार शशि शर्मा ने वर्ष 1986 के बैनामा के आधार पर उसी सीमा व रकवा का बैनामा वहक श्रीनिवास गुप्ता आदि ने कर दिया। इस प्रकार श्रीनिवास गुप्ता आदि उसी रकवा व सीमा का बैनामा वर्ष 2020 में वहक बलवीर सिंह यादव को कर दिया तथा इसी प्रकार से अपने-अपने बैनामों वाली सीमा व रकवा पर बैनामाधारक मालिक व काविज रहे हैं। दिनांक 03.04.2022 को बलवीर सिंह यादव के बैनामासुदा प्लाट में नवनिर्मित मकान को प्रशासन द्वारा पुलिस एवं राजस्व कर्मचारियों की देख-रेख में जे0सी0बी0 मशीन के माध्यम से तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया यही नहीं पीड़ित प्रेमपाल का आरोप हैं कि उसी दिन उनको भी मौखिक रूप से धमकी दी और विनियमित क्षेत्र कार्यालय से नोटिस भी नियत दिनांक को जबाब हेतु भेजा | पीड़ित के अनुसार जबाब में बैनामा, नक्शा, हाउस टैक्स, वाटर टैक्स एवं विद्युत बिल आदि की प्रतियाँ सहित खसरा खतौनी की छायाप्रति विधिवत रूप से प्रस्तुत की मगर कोई सुनवाई नही की गयी तो न्यायालय की शरण ली गयी | बरहाल आपातकालीन अनुमति लेकर न्यायालय सिविल (सीनियर डिवीजन) एटा में प्रेमपाल बनाम सरकार आदि वाद प्रस्तुत किया गया जिसमें सरकार आदि प्रतिवादीगण को नोटिस जारी किये गये | यही नहीं न्यायालय के आदेश से मौका स्थिति जाँच करने हेतु अमीन कमीश्नर दीवानी ने मौके पर पहुॅचकर जाँच भी की, जिसकी जाँच आख्या न्यायालय में दाखिल की गयी । बरहाल पत्रकार का कार्यालय और आवास तोड़ने के बाद दो मुकदमे भी अवैध कब्जा सम्बन्धी थाना कोतवाली नगर एटा में पंजीकृत करा दिये गये । इधर पीड़ित पत्रकार और उसका परिवार न्याय हेतु दरदर भटकता रहा, लेकिन उसकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई तब पीड़ित ने भारतीय प्रेस परिषद की शरण ली और अपनी पीड़ा बयाँ की बताते हैं कि प्रेस परिषद ने मामले को गम्भीरता से लेकर शासन और प्रशासन के एक दर्जन अफसरों को नोटिस जारी कर उनका जबाब तलब किया हैं