प्यार के नाम पर प्राचीन धरोहरों को बर्बाद कर रहे हैं मनचले

  • Feb 14, 2023
  • Pushpanjali Today

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रानी दमयंती कि नगरी में अस्तित्व खोती प्राचीन धरोहर 



रीतेश अवस्थी

पुष्पांजली टुडे


दमोह। रानी दमयंती कि नगरी दमोह में पुरातत्व अवशेष का भंडार है, यहाँ ऐसे अनेक स्थान हैं जहाँ यह अवशेष बिखरे पड़े हैं लेकिन उन्हें संरक्षित करने के प्रयास नहीं किये जा रहे यही नहीं जिले का एक मात्र पुरातत्व संग्रहालय आज प्रेमी प्रेमिकाओ को एक दूसरे को प्यार का सन्देश देने का माध्यम बना हुआ हैं यहाँ के मनचलों के द्वारा इन धरोहरों को प्यार के नाम पर बर्बाद करने का सिलसिला लगातार जारी हैं और यह युवा वैलेंटाइन डे पर अपने प्यार का इजहार प्रेमी का नाम दीवाल पर लिखकर उन्हें प्रपोज करते देखा जा सकता हैं ,जबकि किले के ठीक सामने थाना कोतवाली, गर्ल्स छात्रावास, स्कूल और भाजपा कार्यालय भी है,तब भी यह मनचले बेखौफ होकर इन दीवालों पर अपने प्रेमी का नाम लिखने से नहीं डरते हैं तो वही रात्रि के समय यहाँ पर शराबियों अड्डा बन जाता है किले के बाजू से बने तहसील ग्राउंड पर शराब कि टूटी बोतले भी देखी जा सकती है। यह किला शहर के प्रमुख चौराहा पर होने के कारण शहर कि सुन्दरता को चार चाँद लगाता है, लेकिन यहाँ के जनप्रतिनिधियों ने किले के नाम पर सिर्फ पैसा लाया है उसकी सुंदरता के लिए खर्च नहीं किया है जिससे यह किला देख रेख के अभाव में जर्जर और बेदाग लगने लगा है और दुर्दशा का शिकार हो गया हैं जबकि यहाँ केंद्र के मंत्री का पर्यटन विभाग भी रह चुका है उसके बाद भी इसकी स्थिति जस कि तस बनी हुई है इस किले का जीर्णोद्धार तो कराया गया लेकिन जितना विकास होना था वह नहीं हुआ जिससे संग्रहालय के अंदर कचरा रुपी झाड़ियां बड़ी बड़ी होकर किले को चारों तरफ से घेर चुकी हैं व किले कि डेंटिंग पेंटिंग ना होने के कारण यह किला अपनी बदकिस्मती पर आंसू रो रहा है जबकि हर साल इसके सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं।इस संबंध में जब हमने शहर के युवाओं से चर्चा की तो उनका कहना था शहर का प्रमुख चौराहा होने के कारण अगर इस किले पर लाइटिंग की व्यवस्था और खूबसूरत  पेड़ पौधों को लगाया तो निश्चित तौर पर यह किला एक बेहद खूबसूरत और सुंदर दिखाई देने वाला दृश्य बनाता।

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