यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पहली वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) ने इस प्रस्ताव पर मंजूरी दी गई कि रूस की सेना को तत्काल प्रभाव से यूक्रेन छोड़ देना चाहिए। भारत के साथ ही चीन ने वोटिंग से दूरी बनाए रखी
193 सदस्यीय यूएनजीए में मतदान के दौरान 141 सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया कि रूस को यूक्रेन में शत्रुता समाप्त कर और 'तत्काल' अपनी सेना वापस ले लेना चाहिए। 7 देशों ने प्रस्ताव का विरोध किया तो 32 सदस्य अनुपस्थित रहे।
यूक्रेन संकट का जी-20 की कार्यवाही पर दिखेगा असर : राजदूत
इस बीच, यूक्रेन पर रूसी हमले का एक वर्ष पूरा होने की पूर्वसंध्या पर यूरोपीय संघ (ईयू) के राजदूत उगो एस्टुटो ने गुरुवार को कहा कि इस संकट का जी-20 की कार्यवाही पर प्रभाव पड़ेगा। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि कार्यवाही को सार्थक बनाने के लिए समूह भारत की अध्यक्षता पर भरोसा करता है
राजदूत ने कहा कि रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखने को लेकर यूरोप भारत की स्थिति को समझता है। साथ ही कहा कि ईयू यूक्रेन संघर्ष पर भारत के रूख की सराहना करता है।
राजदूत की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत पांच दिनों बाद जी20 समूह के विदेश मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक की मेजबानी करने वाला है। इसमें अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकन, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली, फ्रांस के विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना सहित अन्य शामिल होंगे। ईयू 27 देशों का समूह है