अब तक तीन शिकायत दर्ज... दो ईओडब्ल्यू और एक आइएएस अधिकारी के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय में,
जल संसाधन संभाग गरियाबंद के बहुचर्चित पैरी परियोजना में वर्ष 2020-21 में स्वीकृत पैरी दायीं मुख्य नहर एवं फिंगेश्वर डिस्ट्रिब्यूटरी नहर सीसी लाइनींग एवं शेष मरम्मत कार्य का 44.00 करोड़ के ऊपर 46.50℅अतिरिक्त लगभग 66.00 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे नहर सीसी लाईनींग कार्य में छत्तीसगढ़ सरकार और उसके बड़े प्रशासनिक अधिकारी की वरदहस्त प्राप्ति के चलते फिर बड़ा भ्रष्टाचार का खेल हो रहा है। विगत वर्ष जुलाई 2021 और जून 2022 के बीच महज 11 माह के भीतर भ्रष्टाचार के चलते दो कार्यपालन अभियंता को हटा कर शासन ने जनता को सिर्फ और सिर्फ गुमराह करने का प्रयास किया है। जबकि जल संसाधन संभाग गरियाबंद के कार्यपालन अभियंता बदलने के बाद आज भी गुणवत्ताहीन कार्य ठेकेदार के द्वारा मनमानी तौर कराया जा रहा है। जिसमें विभाग के आलाधिकारी मौन धारण कर भ्रष्टाचार का संरक्षक बने बैठे हैं। वर्तमान में पांडुका और फिंगेश्वर जल संसाधन अनुविभाग में कार्य शेष है, जिसमें ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों के द्वारा राजिम विधानसभा क्षेत्र के भोले भाले किसानों के साथ अन्याय का जीता जागता उदाहरण निर्माणाधीन नहर सीसी लाईनींग कार्य में भ्रष्टाचार जग जाहिर है।
शिकायत कर्ता राजिम क्षेत्र के भाजपा नेता प्रीतम सिन्हा ने जल संसाधन संभाग गरियाबंद के दर्जनों जनहित मामलों को सुक्ष्मता से उठाया है जो किसानों के नाम पर करोड़ों रुपये का बंदरबाट विभागीय अधिकारियों ने किया है। छत्तीसगढ़ राज्य में जल संसाधन संभाग गरियाबंद के पैरी परियोजना के अन्तर्गत 2020-21 में नहर सीसी लाईनींग एव शेष मरम्मत कार्य में आर्थिक भ्रष्टाचार, कूटरचना,साजिश, फर्जी बिल ब्हौचर,मनमानी, गुणवत्ताहीन कार्य की जाँच की आँच विभाग के आलाधिकारियों के साथ-साथ सरकार में पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी तक पहुंच गया है। सरकार में पदस्थ अधिकारी और ठेकेदार के साथ आत्मीय संबंध के चलते बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है,जिसका जांच अभी छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने लंबित रखा है