छत्रसाल महाविद्यालय के इतिहास विभाग में विषय विशेषज्ञ व्याख्यान संपन्न
पन्ना-मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग की गुणवत्ता उन्नयन योजना के अंतर्गत विषय विशेषज्ञ व्याख्यान की श्रृंखला में आज छत्रसाल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के इतिहास विभाग में विषय विशेषज्ञ व्याख्यान संपन्न हुआ। शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय छतरपुर की सहायक प्राध्यापक डॉ नीरज निरंजन के विशिष्ट आतिथ्य में हुए इस व्याख्यान का विषय था
"बुंदेलखंड के स्वतंत्रता आंदोलन के अनछुए अध्याय"। प्राचार्य डॉ एच एस शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य एवं इतिहास विभाग की अध्यक्ष डॉ उषा मिश्रा ने की। कार्यक्रम का संयोजन डॉ विनय श्रीवास्तव द्वारा किया गया। प्रारंभ में विशिष्ट अतिथि का स्वागत डॉ एस के पटेल एवं डॉ विनय श्रीवास्तव द्वारा किया गया। डॉक्टर नीरज निरंजन ने अपने व्याख्यान में कहा कि लोकगीतों में दर्ज हैं गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की गाथा, 1857 से 1947 तक के स्वतंत्रता संग्राम में बुंदेलखंड की महत्वपूर्ण भूमिका को समझा जा सकता है।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बुंदेलखंड की धरती पर ब्रिटिश शोषणकारी सरकार और रियासतों ने निहत्थे सत्याग्रहियों पर लाठियां और गोलियां बरसाने से परहेज नहीं किया, पर इस दमन के बीच भी आजादी के रणबांकुरे और रणबकुरियां स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाते रहे।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बुंदेलखंड क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, परंतु दुर्भाग्य है कि आजाद भारत में बुंदेलखंड के संघर्ष, त्याग, बलिदान को वह स्थान या सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। आज पुनः इतिहास के पन्नो को पलटने की जरूरत है और नए सिरे से क्षेत्रीय शोध को बढ़ावा देकर नई पीढ़ी को बुंदेलखंड के असंख्य गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों/शहीदों से परिचित करवाया जाना आवश्यक है। इस अवसर पर डॉ विनय श्रीवास्तव ने कहा कि पन्ना एवं छतरपुर जिले के स्वतंत्रता सेनानियों ने समूचे बुंदेलखंड में स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई है। यद्यपि सभी के नाम राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल नहीं हो सके है, किंतु इस क्षेत्र में व्यापक शोध की आवश्यकता है। नवीन शोधार्थियों को बुंदेलखंड के स्वतंत्रता आंदोलन पर व्यापक शोध परक दृष्टि से कार्य करना चाहिए। इस कार्यक्रम में इतिहास स्नातकोत्तर कक्षाओं के विद्यार्थियों के साथ ही महाविद्यालय के कला संकाय के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी एवं आइक्यूएसी समन्वयक डॉ पीपी मिश्रा ने इस कार्यक्रम को महाविद्यालय के अकादमिक क्षेत्र की एक विशिष्ट उपलब्धि बताते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से महाविद्यालय की शैक्षणिक और अकादमिक उपलब्धियों में वृद्धि होगी। कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन डॉक्टर विनय श्रीवास्तव के द्वारा किया गया।