खुटगांव बॉर्डर से लेकर मंदागमुड़ा तक क्षेत्र के हजारों लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग की सौगात तो चंद साल में मिल ही जाएगा लेकिन ठेकेदार की लापरवाही से इन दिनों लोगो का जीना दुर्भर हो गया है क्योंकि गाड़ी के चलते धूल का घना गुब्बर उड़ता है जो राहगीरों के लिए जी का जंजाल बन गया है क्षेत्र में दिनभर धूल और मिट्टी के बीच स्कूल कॉलेज आने जाने वाले बच्चे कर्मचारी अधिकारी आम जनता सड़क किनारे स्थित दुकानदार और घर के लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इस कारण छेत्र में खांसी दमा के मरीज भी लगातार बढ रहे हैं गौरतलब हो की खुटगांव से मंदागमुड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण पर उड़ने वाली धूल कुछ महीनों से झाराबहाल डोहेल खुटगांव मुड़ागांव देवभोग माहुलकोट को चिचिया बरबहेली गोहरापदर सहित अन्य गांव के लोगों की मुख्य समस्या में शुमार हो चुका है हवा में धूल का स्तर बढ़ने से लोग परेशान हैं जिसे देख डॉक्टरों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में उड़ती धूल इसी तरह बरकरार रही तो एलर्जी खांसी दमा खुजली और फेफड़ों में इन्फेक्शन की समस्या काफी तेजी से बढ़ने लगेगी क्योंकि माक्स या फिर मुंह पर कपड़ा बांधने के बावजूद भी धूल की बारीक कण नाक और आंख में घुस जाती है फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है जबकि आए दिन सड़क निर्माण में डाली गई मिट्टी धूल से होने वाली परेशानी को लेकर विभागीय अफसर और ठेकेदार कर्मचारियों को अवगत कराया जाता है फिर भी आम लोगों की सेहत का किसी प्रकार खयाल रखने की पहल नहीं हो रही है जिसका खामियाजा छोटे-छोटे बच्चों को वर्तमान के साथ आने वाले समय पर भी उठाना पड़ेगा
सड़क निर्माण में पानी का छिड़काव नहीं _: सड़क किनारे स्थित दुकानदार और रोजाना आवागमन करने वाले राहगीरों का कहना है की जब से राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण शुरू हुआ है तब से लेकर आज तक किसी प्रकार पानी का छिड़काव नहीं किया गया है तभी टू व्हीलर और 20 चक्का वाहन के गुजरने पर लोग धूल से पट जाते है और इसके चलते दुर्घटना होने की पूरी संभावना बनी होती है कुछ राहगीर तो बड़े बड़े वाहन की चपेट मे तक आ गए हैं हालंकि अब तक किसी प्रकार अनहोनी की खबर नहीं है लेकिन हालात अब बडे़ दुर्घटना की ओर इशारा कर रहा है जिसके मद्देनजर लोगों की सड़क पर पानी का छिड़काव के लिए पुखजोर मांग है ताकि उड़ती धूल से थोड़ी बहुत राहत मिल पाए और इसके लिए जल्द ही महासमुंद लोकसभा सांसद और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर स्थिति में सुधार लाने के लिए गुहार लगाने की रणनीति भी चल रही है
रोजाना 1000 वाहन का आवागमन _: सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि रोजाना इस मार्ग में छोटे बड़े गाड़ी मिलाकर करीब 500 वाहन आवागमन होता है जिससे ठेकेदार कर्मचारी सहित विभागीय अफसर भी भली-भांति अवगत हैं बावजूद इसके उड़ती धूल की हालत ना कोई सुधार नहीं किया जाना राहगीरों की जान को खतरे में धकेलने के समान माना जाता है अधिकांश हाईवा के पीछे मोटरसाइकिल और स्कूली बच्चे का चलना तो नामुमकिन देखा जाता है किसी प्रकार सुधार नहीं हो रहा