एमपी स्टेट बार कौंसिल की शनिवार को आयोजित सामान्य सभा की बैठक में एकमतेन प्रस्ताव पारित किया गया कि हाई कोर्ट 25 पुराने प्रकरण तीन माह की समय-सीमा में निराकृत करने संबंधी अपना अनुचित आदेश वापस ले। 21 मार्च तक ऐसा न किए जाने पर 23 मार्च से प्रदेश के वकील हड़ताल पर चले जाएंगे। स्टेट बार के वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी ने बताया कि न्याय के बदले निराकरण की नीति का जबलपुर सहित समूचे प्रदेश के वकील निरंतर विरोध करते चले आ रहे हैं। जिला अदालत जबलपुर में विरोध सप्ताह मनाया गया। इसके तहत पूरे सप्ताह कोई भी वकील किसी भी अदालत में पैरवी करने नहीं गया। प्रतिवाद दिवस मनाते हुए वकीलों ने जिला बार एसोसिएशन के न्यायिक कार्य से विरत रहकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के आह्वान का समर्थन किया। यहां तक कि सद्बबुद्धि यज्ञ तक किया गया।
उन्होंने बताया कि जिला बार एसोसिएशन के सचिव राजेश तिवारी के नेतृत्व में जिला बार पदाधिकारियों का प्रतिनिधि मंडल शनिवार को स्टेट बार के नव निर्वाचित चेयरमैन प्रेम सिंह भदौरिया को ज्ञापन सौंपने आया। ज्ञापन में जो मांग की गई थी, स्टेट बार पहले ही उस सिलसिले महत्वपूर्ण निर्णय ले चुका था। इस बारे में अवगत करा दिया गया।
स्टेट बार कौंसिल में नए अध्यक्ष निर्वाचितः
प्रदेश के एक लाख से अधिक वकीलों की सर्वोच्च संस्था एमपी स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन पद पर ग्वालियर निवासी अधिवक्ता प्रेम सिह भदौरिया चुन लिए गए। जबकि जबलपुर के अधिवक्ता आरके सिंह सैनी पूर्ववत वाइस चेयरमैन बने रहेंगे। जबलपुर के ही अधिवक्ताद्वय मनीष तिवारी कोषाध्यक्ष व राधेलाल गुप्ता मानद सचिव निर्वाचित हुए हैं। स्टेट बार की कार्यकारी सचिव गीता शुक्ला ने बताया कि स्टेट बार सामान्य सभा की बैठक शनिवार को दोपहर 12 बजे से आयोजित हुई। इस दाैरान स्टेट बार सदस्य प्रेम सिंह भदौरिया, आरके सिंह सैनी, मनीष तिवारी, राधेलाल गुप्ता, जितेंद्र कुमार शर्मा, मनीष दत्त, जगन्नाथ त्रिपाठी, डा.विजय कुमार चौधरी, राजेश व्यास, दिनेश नारायण पाठक, विवेक सिंह, सुनील गुप्ता, शिवेंद्र उपाध्याय, रामेश्वर नीखरा, हितोषी जय हार्डिया, एनके जैन, अखंड प्रताप सिंह, अहादुल्ला उस्मानी, जय प्रकाश मिश्रा, राजेश कुमार पांडे, रश्मि ऋतु जैन, शैलेंद्र वर्मा भौतिक रूप से उपस्थित रहे। जबकि प्रताप मेहता व राजेश कुमार शुक्ला वर्चुअल माध्यम से जुड़े।