संवाददाता हेमचंद नागेश कि रिपोर्ट
गरियाबंद जिला मैनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत झरगांव तेतलपारा में स्थित विश्व शांति सनी शक्तिपीठ जहां पर दर्शन मात्र से भक्तों के हो रहे हैं सर्व मनोकामना पूर्ण इस मंदिर के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्तों का आगमन होता है यह ऐसा चमत्कारी मंदिर है जहां भगवान श्री शनि देव के दर्शन मात्र से सभी भक्तों का मनोकामना पूर्ण हो जाता है इस मंदिर में कई दुख कष्ट से पीड़ित भक्त आकार भगवान शनि देव के दर्शन कर सुख की प्राप्ति किए हैं। सभी रोग व्याग से पीड़ित व्यक्ति शनि मंदिर मैं आकर शनि देव की दर्शन से मुक्त हुए हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार सूर्य की पत्नी संज्ञा की छाया के गर्व से संदीप का जन्म हुआ , जब शनिदेव छाया के गर्भ में थे तब छाया भगवान भोलेनाथ की भक्ति में इतनी ध्यान मग्न थी की उसने अपने खाने-पीने तक शुध नहीं थी जिनका प्रभाव उनके पुत्र पर पड़ा और उसका वर्णन श्याम हो गया सनी के श्याम वर्णों को देख कर सूर्य ने अपनी पत्नी छाया पर आरोप लगाया की शनि मेरा पुत्र नहीं है। तभी से शनि अपने पिता से शत्रु भाव रखते थे शनिदेव ने अपनी साधना तपस्या द्वारा शिवजी को प्रसन्न कर अपने पिता सूर्य की भांति शक्ति प्राप्त की और शिवजी ने शनिदेव को वरदान मांगने को कहा तब शनिदेव ने प्रार्थना की कि युगों युगों में मेरी माता छाया की पराजय होती रही है मेरे पिता सूर्य द्वारा अनेक बार अपमानित किया गया है अतः माता की इच्छा है कि मेरा पुत्र अपने पिता से मेरे अपमान का बदला ले और उनसे भी ज्यादा शक्तिशाली बने तभी
भगवान शंकर शनिदेव की प्रार्थना सुनकर वरदान देते हुए कहा की नवग्रहों में तुम्हारा सर्वश्रेष्ठ स्थान होगा मानव तो क्या देवता भी तुम्हारे नाम से भयभीत रहेंगे तभी से शनि देव सभी देवों के देता माने जाते हैं।
अगर शनि दशा से बचना है तो ना करें यह काम
शनिदेव को छाया पुत्र भी कहा जाता है क्योंकि शनि देव सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया के वंशज हैं शनिदेव अच्छे लोगों के लिए एक महान मार्गदर्शक शुभचिंतक और संरक्षक हैं जबकि वह दुष्टता विश्वासघात और पीठ में छुरा को अपने वालों के लिए एक महान दंडक बन जाते हैं राहु केतु शुक्र और बुध के साथ सनी की बहुत अच्छी मित्रता है जबकि शनि देव सूर्य चंद्र गुरु और मंगल के शत्रु के रूप में कार्य करते हैं शनि देव पुष्पी अनुराधा और उत्तर भाद्रपद के नक्षत्रों पर शासन करते हैं जन्म कुंडली में सनी और अन्य पाप ग्रहों के एक साथ होने पर व्यक्ति को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड सकता है।