बहाल होकर फिर से युवती को कर रहा परेशान
गुना। सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक युवती को कोतवाली के आरक्षक द्वारा परेशान करने का मामला एक बार फिर सामने आया है। जिसमें सबंधित आरक्षक पर 2021 में कार्यवाही भी की गई थी।
*मामले का विस्तार*
मामला आरक्षक परमजीत सिंह सोढी का है, जो प्रेमप्रसंग के चलते एक युवती को परेशान कर रहा है। जिसमें युवती ने आरक्षक के द्वारा छेड़छाड और परेशान करने की शिकायत परिजनों से की। परिजन आरक्षक परमजीत के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सिटी कोतवाली में आवेदन देने पहुंचे। सिटी कोतवाली में अपने ही आरक्षक के विरूद्ध आवेदन देखकर पुलिसकर्मी हैरत में पड़ गए। उन्होंने परिजनों से टाल-मटोल बातें की और उन्हें चलता कर दिया। पीडि़त परिवार ने बताया कि आरक्षक परमजीत के हौसले इतने बुलंद हो गये हैं कि बीते दिनों उसने घर का दरवाजा तोडकऱ घुस गया और युवती से मिलने की इच्छा जाहिर की। विरोध करने पर उसने डराना-धमकाना शुरू कर दिया। परिजनों का कहना है कि आरक्षक को पुलिस अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, इस वजह से उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। हाल ही में युवती इंदौर जा रही थी। इसकी भनक आरक्षक परमजीत को मिलते ही उसके द्वारा सभी कामों को दरकिनार करते हुए युवती के पीछे दौड़ गया। बता दें कि गुना रेलवे स्टेशन पार्किंग स्थल पर ऑटो स्टैंड पर जैसे ही युवती उतरी उसको मां बहन की गालियां देने लगा और धारदार हथियार से युवती पर जानलेवा हमला भी कर दिया। उसको बचाने के लिए उसके पिता जब आए तो परमजीत सिंह सोढ़ी ने युवती के पिता पर भी हमला कर दिया जिससे आरोपी द्वारा पीडि़ता एवं उसके पिता घायल हो गए। जिनका मेडिकल गुना अस्पताल में किया गया शिकायत तत्काल जीआरपी थाने में करने के लिए पीडि़ता और उसके पिता अपनी बहन एवं माता के साथ गए तो जीआरपी थाने में पदस्थ पुलिस वालों की मित्रता आरोपी से होने के कारण फरियादी पक्ष की बात नहीं सुनी और उसको यह कहकर भगा दिया गया कि सिटी कोतवाली जाइए हम इस मामले में कोई भी कार्यवाही नहीं कर पाएंगे जिसे सुन पीड़ित परिवार तत्काल ही सिटी कोतवाली पहुंचा तो सिटी कोतवाली में आरोपी पूर्व से पदस्थ रह चुका है जिसके चलते पुलिस वालों ने अपनी मित्रता निभाते हुए फरियादी पक्ष की एक भी नहीं सुनी और उन्हें आधे घंटे तक सिटी कोतवाली में भ्रम की स्थिति पैदा करते रहे तथा शिकायत लेना तक उचित नहीं समझा।
*वापस पहुंचे फरियादी जीआरपी थाने द्वारा दिखा दिया बाहर का रास्ता*
पीडि़त परिवार आरक्षक परमजीत के विरूद्ध कार्रवाई कराने के लिए दर-दर भटक रहा है, पीडि़त परिवार का कहना है कि जब पुलिस ही उनकी सुनवाई नहीं करेगी तो वो कहां जाएंगे।ऐसे में पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली और निष्पक्ष कार्रवाई पर संदेह बना हुआ है।
*पूर्व में आरक्षक के विरूद्ध हुई थी कार्रवाई*
17 दिसंबर 2021 में गुना जिले में पदस्थ एसपी राजीव कुमार मिश्रा ने आरक्षक के खिलाफ जांच प्रतिवेदन पर कार्रवाई की थी। जिसमें आरक्षक दोषी पाया गया था। एसपी ने कार्रवाई करते हुए संबंधित आरक्षक को प्रभाव से तत्काल निलंबित कर दिया था। पूर्व मामले में आरक्षक के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिसमें साफ तौर से देखा जा सकता था कि कैसे आरक्षक पीडि़त परिवार के घर में घुसा और परिवार के लोगों को परेशान किया। वीडिय़ों फुटेज जिले में पूर्व में पदस्थ रहे एसपी राजीव कुमार मिश्रा द्वारा मामले को तुरंत संज्ञान में लेते हुए पुलिस की छवि को धूमिल होने से बचाने के लिए आरक्षक को निलंबित कर दिया गया था।
*बड़ा सवाल*
अब देखना यह है कि आरक्षक द्वारा एक बार फिर वही सब दोहराया जा रहा है तो इस मामले में नवागत एसपी राकेश सगर द्वारा मामले क्या कार्यवाही की जाएगी यह एक बड़ा सवाल है जिससे पुलिस की छवि को धूमिल होने से बचाया जा सके।
फोटो- 1नशे की हालत में 2021 में युवती के घर पहुंचा था आरक्षक परमजीत सिंह सोढ़ी
फोटो-2 पीड़ित परिवार एक बार फिर न्याय की गुहार में कोतवाली पर खड़ा हुआ आया नजर