महात्मा ज्योतिबा फुले की 11 अप्रेल को 197 वीं एवं डॉ. भीमराव अम्बेड़कर की 14 अप्रेल को 132 वीं जयंती हर्षोल्लास से मनाई जाएगी

  • Apr 10, 2023
  • Pankaj Tripathi State Head (M.P)

news_image

पुष्पांजली टुडे न्यूज

भिण्ड । मध्यप्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया के बड़े भाई एवं समाजसेवी देवेंद्र सिंह भदौरिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि बड़ा ही हर्ष का विषय है,अप्रैल माह में 11 अप्रेल एवं 14 अप्रैल को हमारे देश के दो महान व्यक्तियों का जन्मदिन है, इसे अभी तक वर्ग विशेष के लोगों द्वारा ही मनाया जाता था, किंतु पिछले वर्ष हमारे अनुज डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री म.प्र. शासन भोपाल द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती  कलश मैरिज गार्डन में सभी समाज के लोगों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास से मनायी गयी थी। इस बार 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबाराव फुले की 197 वीं जयंती जो अभी तक कुशवाहा समाज के लोगों द्वारा ही मनायी जाती थी। इस बार डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने सभी समाज के साथ हर्षोल्लास से कलश मैरिज गार्डन में मनाने का निश्चय किया है। ज्योतिबाराव फुले एक भारतीय समाज सुधारक, विचारक, लेखक और क्रांतिकारी दार्शनिक थे। देश में प्रचलित जातिवाद का विरोध कर सभी के लिये समान शिक्षा की बात की । स्त्री शिक्षा एवं विधवा विवाह का समर्थन किया और बाल विवाह का विरोध किया। भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर के गुरू ज्योतिवबाराव फुले ने अपना संपूर्ण जीवन स्त्री शिक्षा और दलितों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया।

14 अप्रेल को डॉ. अम्बेडकर की 132 वीं जयंती हम लोग बड़े ही धूमधाम से मनाने को कृत संकल्पित है। 

समाजसेवी देवेंद्र सिंह भदौरिया ने कहा कि डॉ. अम्बेड़कर जो किसी एक समाज के लिए ही कार्य नहीं किया, उन्होनें हमारे देश को एक ऐसा संविधान दिया, जिससे समाज एवं राष्ट्र प्रगति के मार्ग पर चल रहा है। बाबा साहब का मूलमंत्र था शिक्षित बनो संगठित रहो एवं संघर्ष करो । डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने वंचित दलितों के उत्थान के लिए लगातार प्रयास किया उन्होनें समाज में समानता, समरसता, भाईचारा की भावना विकसित कर संपूर्ण समाज के लिये संविधान बनाया, जिससे ही आज हम सभी जीवन यापन कर रहे है। समानता का अधिकार धर्म और जाति से ऊपर होना चाहिये। प्रत्येक व्यक्ति को विकास के समान अवसर उपलब्ध कराना किसी भी समाज की प्रथम और अंतिम नैतिक जिम्मेदारी होना चाहिए। महान पुरूषों की जयंती मनाकर हम आने वाली पीढ़ी को उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करते है, तथा समाज को नई दिशा, नया जीवन एवं नई तरूणाई देने का प्रयास करते है।

COMMENTS

ARTICLES BY AUTHOR

Nil Kumar

Columnist

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका

राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक

कमल राठौर साहिल शिवपुर मध्य प्रदेश

लेखक

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका,स्वरचित मौलिक