विश्व होम्योपैथिक दिवस के अवसर पर संपन्न हुई विचार संगोष्ठी

  • Apr 10, 2023
  • Gourishankar Kushwaha Panna

विश्व होम्योपैथिक दिवस के अवसर पर संपन्न हुई विचार संगोष्ठी


आई.आई.एच.पी. की पन्ना शाखा ने मनाई हैनीमैन जयंती 


संभागीय ब्यूरो गौरीशंकर कुशवाहा की पुष्पांजली टुडे की खबर

       

  पन्ना - विश्व होम्योपैथी दिवस के शुभ अवसर पर स्थानीय बालाजी होम्यो क्लीनिक पर एक विचार संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें नगर के समस्त होम्योपैथिक चिकित्सक एवं गणमान्य नागरिक सम्मिलित हुए, ज्ञात हो कि विश्व होम्योपैथिक दिवस 10 अप्रैल को होमियो चिकित्सा पद्धति के जन्मदाता डॉक्टर क्रिश्चियन हैनीमैन के जन्मदिवस पर संपूर्ण विश्व में मनाया जाता है, उसी तारतम्य में होम्योपैथिक विकास के लिए कार्य करने वाली संस्था आई.आई.एच.पी. की पन्ना शाखा की तरफ से यह विचार संगोष्ठी रखी गई।

                    संगोष्ठी की शुरुआत सर्वप्रथम डॉ हैनिमैन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के द्वारा किया गया। तत्पश्चात शारदा होम्यो क्लीनिक के संचालक डॉक्टर देवव्रत सिंह के द्वारा डॉ हैनिमैन के संपूर्ण जीवन के वृतांत सारगर्भित रूप में सभी के समक्ष प्रस्तुत किए गए।

                   अगले चरण में आईआईएएचपी के प्रदेश सदस्य डॉ राकेश सोनी ने वर्तमान समय की चिकित्सकीय चुनौतियां, मौसमी बीमारियां एवं वायरल प्रकोपों से होम्योपैथिक औषधियों के द्वारा कैसे लड़ा जा सकता है इस विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए अपनी बात रखी।

                    कार्यक्रम के अगले चरण पर आई.आई.एच.पी के प्रभारी जिला अध्यक्ष एवं त्वचा (चर्म) रोग विशेषज्ञ डॉ अमित सिंघई ने बताया कि मौसम परिवर्तन होने पर कई प्रकार के त्वचा रोग जैसे शरीर पर लाल लाल चकत्ते निकलना(फंगस एवम् शीत) , फोड़े फुंसियां होना, खुजली होना, एवं सन बर्न होना हो सकता है इन सब त्वचा रोगों के निदान में होम्योपैथिक औषधियां भली-भांति कारगर होती है।

               संगोष्ठी के अंतिम चरण में डॉ वैभव खरे ने बताया कि किस तरीके से होम्यो औषधियों की मदद से व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ अंग्रेजी दवाइयों से होने वाले अवांछनीय साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है।

                संगोष्ठी के समापन पर समस्त उपस्थित चिकित्सकों एवं गणमान्य नागरिकों का आभार प्रदर्शन करते हुए डॉ अमित सिंघई ने लोगों से होम्योपैथिक औषधियों को मुख्य चिकित्सा पद्धति के रूप में अपनाने की अपील की क्योंकि यह औषधियां समस्त स्त्री रोगों, त्वचा रोगों, मानसिक रोगों,बच्चों एवं वृद्धावस्था में होने वाले रोगों को जड़ से समाप्त करके रोगों के लक्षणों की पुनरावृत्ति को रोकती है।

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Nil Kumar

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आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका

राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक

कमल राठौर साहिल शिवपुर मध्य प्रदेश

लेखक

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका,स्वरचित मौलिक