प्रथम गौरव दिवस में नहीं पहुंचे 8 पार्षद
भाजपा संगठन ने भी बनाई दूरी नहीं पहुंचे मंड़ल पदाधिकारी
आम जनता का लाखों रूपए अनावश्यक वर्बाद बड़े भ्रष्टाचार की आशंका
पन्ना ककरहटी- नगर परिषद् ककरहटी में प्रथम गौरव दिवस 38 वर्ष बाद मनाया गया है। जिसमें अनावश्यक आम जनता का लाखौ रूपये का खर्चा कर परिषद् पर बित्तीय बोझ बढ़या गया है। गौरव दिवस का बहाना बना कर लाखों रूपए से बेनर पोस्टर स्वंम और परिवार सहित चुनावी सपोर्टरो के फोटो लगाकर शासकीय धन खर्च कर खुद का प्रचार किया गया।
जनप्रतिनिधियों ने किया किनारा
गौरव दिवस में बेसे तो सैकरो आमंत्रण कार्ड़ जिले के मंत्री क्षेत्रिय विधायक से लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों और भारतीय जनता पार्टी संगठन के नेताओं के पास गये लेकिन सभी लोगों ने इस गौरव दिवस से दूरी बना रखी है। कोई भी बड़ा पार्टी नेता जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में शामिल होने ककरहटी नहीं पहुचा है।वहीं लोग बताते हैं।कुछ नेता ककरहटी पहुंचे हैं। लेकिन कार्यक्रम में माहोल देख कर शामिल ना होकर निकल गये और कैमरे की नजर से बचते नजर आए।
नहीं पहुंचे नगर परिषद् के आठ से अधिक पार्षद
गौरव दिवस के कार्यक्रम से 8 से अधिक पार्षद नहीं पहुंचे और कार्यक्रम बहिष्कार किया जिसमें मुख्य रूप से भाजपा पार्षद शैफाली बाल्मीक,दीपक शर्मा, रामसहाय चौधरी, कलावती कोरी,सुनीता कोरी सहित अन्य दो पार्षद कार्यक्रम में नहीं गयें भाजपा पार्षद शैफाली बाल्मीकि ने स्पष्ट शब्दों में बिरोध जताते हुए कहा है। यह शासन की राशि का दुरूपयोग है। नगर परिषद् मनमानी पर उतारू है। यह नगर का गौरव नहीं बल्कि गिने चुने जनप्रतिनिधि और उनके पतियों का गौरव बढ़ाया जा रहा है। सरकारी धन खर्च कर महिला जनप्रतिनिधियों के पतियों के बेनर पोस्टर किस आधार पर बनाए जा रहै और नगर परिषद् के कार्यक्रम इनका प्रचार क्यो किया जा रहा यह घोर निराश जनक और आपत्तिपूण कार्य है। आगे कहा गौरव दिवस पर सम्मान करने पर नगर परिषद् के जिम्मेदारो ने जम कर भेदभाव किया है। सिर्फ उन्हीं लोगों को आमंत्रण वह सम्मान दिए गये है। जो लोग इनकी गलत मानसिकता या तो गुलाम है। या इन्हें चुनाव में सपोर्ट किया है।
भाजपा मंडल संगठन ने कार्यक्रम से बनाई दूरी
बताया जा रहा है। नगर परिषद् में ब्याप्त मनमानी चरम पर है। ग़रीबों और पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है।और अपात्रों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। साथ ही भारतीय जनता पार्टी संगठन के लोगों को जानबूझ नगर परिषद् परेशान किया जा रहा है और कार्य नहीं किये जिसके चलते अधिकतर संगठन के लोगों ने भी कार्य क्रम में शामिल होना उचित नहीं समझा है।