पेंशन नही तो वोट नही , पहले पेंशन मिले तभी कर्मचारियों के वोट डालेंगे-सतीश वर्मा

  • Apr 17, 2023
  • Pushpanjali Today

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शिवपुरी-मध्यप्रदेश मैं पेंशन के लिए विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं लेकिन मध्यप्रदेश सरकार कर्मचारियों को इस मांग को लेकर होश मै नही आ रही हैं जिसको लेकर प्रदेश के कर्मचारी लगातार ज्ञापन के माध्यम से सचेत कर रहे है कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सतीश वर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश में 6.50 लाख लगभग शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) योजना लागू है। यह नेशनल पेंशन स्कीम (एन.पी.एस.) शेयर मार्केट और एन्युटी की ब्याज दर पर आधारित है। जिसमें पेंशन की कोई निश्चित गॉरंटी नहीं है और ना ही इसमे प्राप्त पेंशन राशि आत्मनिर्भर जीने योग्य है। कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु होने पर पारिवारिक पेंशन का प्रावधान भी नहीं है।

नेशनल पेंशन स्कीम से प्राप्त पेंशन की राशि में महंगाई के साथ कोई वृध्दि भी नहीं होती है। नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) योजना से सेवानिवृत्ति पर पाँच सौ, एक हजार से लेकर तीन हजार रूपये के लगभग पेंशन राशि प्राप्त हो रही है। जिसमें आश्रित परिवार के सामने घोर वित्तीय संकट आ जाता है।

मध्यप्रदेश एवं केन्द्र शासन के समस्त एन.पी.एस. धारी शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों की नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) योजना बंद कर मध्यप्रदेश राज्य के शिक्षको, अधिकारियों/कर्मचारियों को सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 एवं केन्द्रीय अधिकारियों/ कर्मचारियों को केन्द्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमावली 1972 को लागू करते हुये पुरानी पेंशन योजना (OPS) पुनः बहाल की जावें। मध्यप्रदेश शासन के उपक्रम एवं स्वायत संस्थान सहित मध्यप्रदेश में कार्यरत नवीन शैक्षणिक संवर्ग के शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा अवधि की गणना के साथ जल्द से जल्द पेंशन योजना लागू की जाये

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