प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में अरबों का हुआ घोटाला अभी तक दोषियों पर कार्यवाही क्यों नहीं : कांग्रेस

  • Apr 22, 2023
  • Pushpanjali Today

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प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के. के. मिश्रा और

प्रवक्ता अमिताभ अग्निहोत्री की संयुक्त पत्रकार वार्ता


प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के 627 अस्पतालों में अनियमितता के कारण 422 आयुष्मान अस्पताल निलम्बित


भाजपा शासन एवं चिकित्सा माफिया के गठजोड़ से प्रदेश में ”आयुष्मान भारत योजना“ में हुए अरबों रूपयों के घोटाले पर चिकित्सा माफिया, दोषी

अधिकारियों एवं नेताओं पर अभी तक एफ.आई.आर. क्यों नहीं करायी 


भोपाल  ।  मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा और प्रवक्ता अमिताभ अग्निहोत्री ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से बताया कि मध्यप्रदेष में भाजपा शासन के संरक्षण में चिकित्सा के क्षेत्र में अरबों रूपये का ‘‘आयुष्मान भारत योजना’’ में घोटाला हो रहा है। आयुष्मान पोर्टल के अनुसार प्रदेश में 627 आयुष्मान निजी अस्पतालों में से अनियमितता के कारण 422 आयुष्मान अस्पतालों को निलम्बित किया जा चुका है, जबकि मध्यप्रदेश शासन ने मध्यप्रदेश विधानसभा में अनियमितता करने वाले मात्र 154 अस्पतालों की सूची दी है। अनियमितता करने वाले अस्पतालों एवं अनियमितता को संरक्षण देने वाले अधिकारियों, नेताओं पर मध्यप्रदेष शासन ने एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं करायी है ? इससे आशंका है कि इस अरबों रूपये के घोटाले को मध्यप्रदेश शासन की भाजपा सरकार पूर्ण संरक्षण दे रही है एवं गरीब जनता के स्वास्थ्य के लिए निर्धारित की गई राषि में महाघोटाला किया जा रहा है। सम्पूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं :-

(आयुष्मान घोटाला के प्रमुख तथ्य)

शासन एवं चिकित्सा माफिया के गठजोड़ से प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में हुए अरबों रूपये के घोटाले की जाँच सी.बी.आई. से कराई जावे।

(1) शासन ने विधानसभा में अतारांकित प्रष्न 983 दिनांक 20/12/2022 में स्वीकार किया (जिसमें डेटा स्त्रोत, इनसाईट पोर्टल, एचईएम दिनांक 06/12/2022) की स्थिति में स्वीकार किया कि आयुष्मान योजनान्तर्गत 506 निजी चिकित्सालय हैं।

(2) शासन ने इसी प्रश्न में स्वीकार किया कि ‘‘आयुष्मान भारत योजना’’ में 20 मार्च, 2020 से प्रष्न दिनांक तक 51 जिलों में 5,16,589 मरीजों को इलाज में 16,10,32,40,343 रू. (रूपये सौलह अरब दस करोड़ बत्तीस लाख चालीस हजार तीन सौ तिरतालीस मात्र) खर्च किये।

(3) इसी प्रश्न में शासन ने स्वीकार किया कि 154 आयुष्मान चिकित्सालयों में अनियमितता पाई थी, जिस पर कार्यवाही की। (मामूली कार्यवाही की) शासन के सदन में दिये गये उत्तर से प्रश्न यह उठता है कि मात्र 1 अस्पताल पर एफआईआर दर्ज की गई है, शेष 153 अस्तपालों पर एफआईआर क्यों नहीं की गई ?

(4) विधायक जयवर्धन सिंह ने मुख्यमंत्री की दिनांक 22/12/2022 को लिखे पत्र में कहा कि विधानसभा में शासन ने जो जानकारी रखी है, उसमें भोपाल जिले में पब्लिक चिकित्सालय 2, प्राइवेट नॉट फॉर प्रॉफिट 3, प्राइवेट फॉर प्रॉफिट 109, कुल 114 अस्पताल बताये हैं। जबकि आयुष्मान पोर्टल पर भोपाल जिले में पब्लिक चिकित्सालय 14, प्रायवेट नॉट फॉर प्रॉफिट अस्पताल 22 और प्राइवेट फॉर प्रॉफिट 177, कुल 213 अस्पताल बताये गये हैं। विधानसभा में दी गई जानकारी एवं आयुष्मान पोर्टल की जानकारी में भिन्न क्यों है ?

(5) विधायक जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर दिनांक 22/12/2022 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा कि विधानसभा प्रश्न क्रमांक- 983 में दी गई जानकारी अधूरी है, क्योंकि चाही गई जानकारी में चिकित्सालयों के नाम, कब और क्या कार्यवाही की, पृथक-पृथक सदन में माँगी गई थी। जबकि उत्तर में चिकित्सालय का नाम और एक लाईन में कार्यवाही लिखी है,जो अधूरी है।

(6) विधानसभा जानकारी एवं वेबसाईट जानकारी समान होना चाहिए, जो सही नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा जनता एवं सदन को गुमराह किया गया। संबंधितों पर कार्यवाही हो।

(7) विधायक जयवर्धन सिंह ने लिखा कि  स्वास्थ्य मंत्री ने विधानसभा में दिये गये उत्तर में शासन द्वारा प्राइवेट नॉट फॉर प्रॉफिट की जानकारी निरंक दी है, जबकि शासन द्वारा प्राइवेट चिकित्सालयों की जानकारी दी है, उनमें 3 चिकित्सालय ऐसे हैं, जो प्राइवेट नॉट फॉर प्रॉफिट में आयुष्मान के पोर्टल पर दर्षाये हैं - (1) राजदीप इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग  (2) यूनिक हॉस्पिटल (3) आयुष्मान हाईटेक चिकित्सालय। एक ही चिकित्सालय 2 कैटेगिरी में कैसे हो सकता है।

(8) 200 करोड़ की गड़बड़ी सामने आई - समाचार-पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित भी किया कि “120 अस्पतालों में 200 करोड़ रूपये की गड़बड़ी सामने आई। काँग्रेस ने आरोप लगाया कि 422 अस्पतालों में यह गड़बड़ी अनुमानित कम से कम 500 करोड़ की हो सकती है।’

(9) पेपर प्रकाशन - समाचार पत्रों ने प्रकाषित किया कि कई आईएएस अधिकारियों के कार्यकाल में आयुष्मान अस्पतालों को करोड़ों रूपयों का भुगतान हुआ, जिन अधिकारियों के कार्यकाल में गड़बड़ी हुई, उनके नाम इस प्रकार हैं- पल्लवी जैन गोविल-प्रमुख सचिव, मोहम्मद सुलेमान-अपर मुख्य सचिव, प्रतीक हजेला- आयुक्त, संजय गोयल-प्रमुख सचिव, आकाश त्रिपाठी-आयुक्त, सुदाम खेड़े- आयुक्त, जे. विजय कुमार-सीईओ, अनुराग चौधरी-सीईओ, सपना लोवंशी कार्यकारी अधिकारी। कैलाश मकवाना लोकायुक्त डी.जी. रहते सपना लोंवषी के खिलाफ जाँच की अनुमति माँग चुके थे। आयुष्मान योजना में 9 लाख के लेन-देन की वीडियो वायरल होने पर जाँच कराना पड़ी। राज्य शासन ने आयुष्मान योजना के सीईओ अनुराग चौधरी को हटाया। इसकी वजह भी नौ लाख के लेन - देन से जुड़ा वीडियो बताया जाता है।

(10) काँग्रेस ने आयुष्मान की वेबसाइट से जो जानकारी निकाली, उसमें निलम्बित अस्पतालों की सूची 422 बतायी गयी है, जिसमें 84 अस्पताल भोपाल के, प्रॉफिट के आयुष्मान अस्पताल 545 एवं नॉन प्रॉफिट के आयुष्मान अस्पताल 82 बताये गये हैं। अर्थात् मध्यप्रदेश में निजी आयुष्मान अस्पताल 545 व 82 मिलाकर कुल 627 को कार्यरत बताया जा रहा है। इस मान से प्रदेश में कुल 205 आयुष्मान चिकित्सालय सक्रिय हैं।

(11) जिन अस्पतालों ने अनियमितताऐं की, उनके विरूद्ध एफआईआर क्यों नहीं कराई? जिन अधिकारियों, नेताओं के सरंक्षण में यह 422 अस्पतालों ने अनियमितताऐं की, उन अधिकारियों, नेताओं के विरूद्ध एफआईआर क्यों नहीं कराई ? जेल क्यों नहीं भेजा ? कोर्ट में केस दायर क्यों नहीं किया ?

(12) जिन अधिकारियों ने विधानसभा में गलत जानकारी दी, उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की ?

(13) यह जानकारी क्यों नहीं दी कि अनियमितता करने वाले 422 अस्पतालों में प्रत्येक अस्पताल ने क्या अनियमिमता की ? कितनी राषि की अनियमिता की ? यह तथ्य जनता के समक्ष क्यों नहीं लाया जा रहा है।विधानसभा में प्रस्तुत जानकारी एवं आयुष्मान पोर्टल पर प्रस्तुत जानकारी में इतना बड़ा अंतर क्यों हैं ?  मुख्यमंत्री आप और मंत्री, अधिकारी, चिकित्सा माफिया के विरूद्ध सीबीआई जाँच का आदेष क्यों नहीं देते, जिनकी वजह से इतना बड़ा घोटाला हुआ है।

गरीबों को स्वास्थ्य के लिए बनाई गई ‘‘आयुष्मान भारत योजना’’ में प्रदेश में भाजपा शासन एवं चिकित्सा माफिया के गठजोड़ से ‘‘आयुष्मान भारत योजना’’ में हुए अरबों रूपये के घोटाले पर चिकित्सा माफिया, दोषी अधिकारियों एवं नेताओं पर मध्यप्रदेष शासन 7 दिवस में एफआईआर दर्ज कराकर गरीब जनता के साथ न्याय करे।

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Nil Kumar

Columnist

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका

राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक

कमल राठौर साहिल शिवपुर मध्य प्रदेश

लेखक

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका,स्वरचित मौलिक