ह्यूमन राइट्स की अध्यक्ष ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय मैं उर्दू में भी परीक्षा पेपर मिले इसको लेकर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
(हजारीबाग पुष्पांजलि टुडे)-ह्यूमन राइट्स के जिलाध्यक्ष अंजुम बानो ने परीक्षा नियंत्रक विनोबा भावे विश्वविद्यालय के ज्ञापांक 1486 दिनांक 18 10 2022 के आलोक में अपना विरोध दर्ज किया है। उक्त पत्र में यह आदेश निर्गत किया गया है कि स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षा हिंदी एवं अंग्रेजी के अतिरिक्त अन्य भाषाओं (लिपि) में नहीं लिखी जा सकती है अन्यथा की स्थिति में कॉपी की जांच नहीं होगी ।
श्रीमती बानो ने विरोध दर्ज करते हुए इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री झारखंड सरकार एवं महामहिम राज्यपाल को पत्र प्रेषित किया है और अनुरोध किया है कि विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में मदरसे से भी छात्र पढ़कर आते हैं जो स्नातक एवं स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी हिंदी और अंग्रेजी कमजोर होती है । एक ओर जहां सरकार अभिवंचित वर्ग के विकास एवं बेहतर शिक्षा के लिए प्रयासरत है वही कुछ लोग सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसे कार्य करते हैं जिससे आम जनता को सरकार के प्रति नाराजगी झेलनी पड़े और बेवजह छात्रों को परेशानी हो । उन्होंने आवेदन में अपील की है कि उक्त पत्र को वापस करवाया जाए जिससे छात्रों को होने वाली कठिनाइयां न हो। इस कार्य में सहयोग के लिए ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस हजारीबाग के कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद जहांगीर अंसारी को भी श्रीमती बानो ने सहयोग करने हेतु धन्यवाद ज्ञापित की है।