दतिया -ओबीसी महासभा दतिया के जिला प्रवक्ता व क्रांतिकारी रोहित हुकुम कुशवाह रमगढा-चिमघनने बताया कि वर्तमान सत्ताधीश पार्टी व कांग्रेस अगर वाकई में पिछड़ावर्ग की हितैसी है, तो ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधि को टिकट दे।बड़े अफसोस की बात है कि दतिया जिले से हर बार 3 विधायक चुने जाते हैं मगर एक भी ओबीसी वर्ग का नहीं ? पिछड़ा वर्ग की संख्या सबसे ज्यादा है, सभी राजनीतिक पार्टियों में कार्यकर्ता व समर्थक तक भी ओबीसी वर्ग से ही मिलेगे।
रोहित हुकुम ने यह भी बताया कि वर्तमान सत्ता साफ तौर पर ओबीसी वर्ग की हितेषी नहीं है? अगर ओबीसी वर्ग हितेषी है तो संख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व अभी तक क्यूं नहीं दे पाई?
मंडल कमीशन की रिपोर्ट क्यूं पैंडिंग में डली है? एससी, एसटी ,माइनॉरिटी एवं सवर्णों सभी की गिनती होती है तो मध्यप्रदेश के पिछड़ा वर्ग की गिनती आखिर क्यों नहीं? देश व प्रदेश में पेड़ पौधे, घर मकानों इत्यादि सभी की गिनती होती मगर ओबीसी वर्ग की क्यूं नहीं यह एक प्रश्नवाचक चिन्ह है?
रोहित हुकुम ने बताया कि जब चुनाव आते हैं तो दोनों सरकार हैं गरीब- किसान मजदूर व ओबीसी वर्ग की खूब हितेषी बनती है, संसद हो या विधानसभा दोनों पार्टी के सांसद व विधायक एक दूसरे के जिम्मेदार ठहराते रहते हैं और ओबीसी वर्ग के साथ सियासत के इस मैदान में फुटबॉल की भांति खिलवाड़ करते हैं।
रोहित हुकुम ने अपने आखिरी क्रांतिकारी शब्दों में बताया कि भाजपा 18 साल से ओबीसी वर्ग की जातिगत जनगणना नहीं करवा पाई? संख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं दिलवा पाई? सेवढ़ा विधानसभा से लांच और सेवढा सनकुआ का पुल नहीं बनवा पाई?सेवड़ा विधानसभा का विकास धरातल पर बिल्कुल नहीं हुआ है? अगर कांग्रेस को इस बार सेंवढा विधानसभा से सीट निकाल ली है तो किसी ऐसे प्रतिनिधित्व को टिकट दे जो जनता में सक्रिय हो, किसानों-गरीबों, ओबीसी दलित पिछड़े व मानवतावादी सवर्णों की संवैधानिक बात खुल कर रखता आया हो...और किसानों व गरीबो की बात भोपाल के बल्लभ भवन मे भी बात रख सके,ऐसा विधायक हम सबको इस बार चुनना है।