जिसमे कथा व्यास श्री जितेन्द्र गोस्वामी जी ने मंच से अमृत वर्षा करते हुए बताया की भागवत का महत्व अन्य सारे ग्रंथों से अनन्य साधारण है, श्री मद भागवत कथा की अमृत देवताओं के लिए भी दुर्लभ है ,मनुष्य यदि सत्कर्म करे तो बह श्री मद्भागवत कथा का रसपान करे, श्री व्यास जी ने मंच से बोलते हुए श्री कुन्ती माता के चरित्र का वर्णन किया, उन्होंने बताया की माता कुन्ती ने मेरे गोविंद से दुखों की मांग की, क्योंकि दुख में व्यक्ति परमेश्वर का स्मरण करता है और सुख में भूल जाता है, इसलिए ईश्वर से दुखों की मांग की , सभी नगर के गणमान्य लोगों ने कथा व्यास श्री जितेन्द्र व्यास जी का मंच पर सम्मान किया, और श्री भागवत जी की आरती के साथ दूसरे दिवस की कथा का विश्राम किया गया समस्त कार्यक्रम में आचार्य श्री शिव शंकर समाधिया जी और यज्ञ ब्रम्हा जी श्री पंडित श्री अतुल प्रदीप बापट जी और यज्ञकर्ता श्री बालक दास त्यागी जी पुजारी सिद्धेश्वर मंदिर उपस्थित रहे!!
!! जय श्री सिद्धेश्वर महादेव जी की !! हर हर महादेव !!