पीटीएस तिघरा में नवनियुक्त नवआरक्षकों से साधा संवाद
प्रशिक्षण का समझाया महत्व, आधुनिक तकनीक सीखने पर दिया जोर
भोपाल।डीजीपी श्री सुधीर कुमार सक्सेना नवनियुक्त नवआरक्षकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लगातार पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों का जायजा ले रहे हैं। कुछ ही दिनों पूर्व डीजीपी श्री सक्सेना सागर स्थित पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय, मकरोनिया पहुंचे थे। इसी क्रम में डीजीपी मंगलवार को ग्वालियर स्थित पुलिस प्रशिक्षण शाला, तिघरा पहुंचे। यहां उन्होंने प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी लेकर नवनियुक्त नवआरक्षकों को ट्रेनिंग की महत्ता समझाई। उन्होंने नवनियुक्त नवआरक्षकों को सलाह देते हुए कहा कि ड्यूटी के दौरान स्मार्ट पुलिसिंग और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करें। गौरतलब है कि पुलिस प्रशिक्षण शाला, तिघरा में 626 नवनियुक्त नवआरक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
डीजीपी ने नवनियुक्त नवआरक्षकों से मांगे सुझाव
| डीजीपी श्री सुधीर कुमार सक्सेना ने पुलिस प्रशिक्षण शाला की नवआरक्षक मेस में नवनियुक्त | नवआरक्षकों के साथ भोजन किया। इस दौरान उन्होंने एक-एक कर नवनियुक्त नवआरक्षकों से | संवाद साधा। उन्होंने ट्रेनिंग में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की और उनसे सुझाव भी मांगे। डीजीपी ने पुलिस प्रशिक्षण शाला में व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
पीड़ितों को न्याय दिलाना हो सर्वोच्च प्राथमिकता : डीजीपी श्री सक्सेना
डीजीपी श्री सुधीर कुमार सक्सेना ने यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 626 नवनियुक्त नवआरक्षकों को | मध्य प्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास के बारे में बताया। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश पुलिस का मूलमंत्र “देशभक्ति जनसेवा” है, इसे आत्मसात करते हुए सार्थक बनाएं। उन्होंने कहा कि आप | सभी का चयन एक पारदर्शी प्रतियोगिता के तहत हुआ है। आप भी इसी तरह अपने कार्य | ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ संपादित करें।
प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि आप जितने दक्ष होंगे उतनी ही शीघ्रता, | निष्पक्षता और पारदर्शिता से पीड़ितों को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाएंगे। प्रशिक्षण | को बहुत ही गंभीरता पूर्वक पूरा करें और ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन के साथ अपना कर्तव्य निभाएं।
डीजीपी ने उन्हें मानसिक एवं शारीरिक रूप से फिट रहने की बात पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कर्तव्यपथ पर अडिग रहते हुए पीड़ितों और वंचितों को न्याय दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हो । विशेषकर महिलाओं, बालक-बालिकाओं और समाज के कमजोर वर्ग की सुरक्षा लिए संवेदनशीलता से कार्य करें।