जंगलों से चुनकर विशेष वनौषधि से महाप्रभु का उपचार
अमलीपदर -
ग्राम अमलीपदर में विराजमान दारु ब्रह्म श्री जगन्नाथ जी के श्रीमंदिर में देवस्नान पर्व में दिव्य स्नान के पश्चात भगवान का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने कारण विशेष उपचार किया जाता है रथयात्रा के एक दिवस पुर्व भगवान श्री जगन्नाथ स्वस्थ होकर के श्री मंदिर में विराजित हो करके रथ यात्रा को गुंडीचा मंदिर के लिए प्रस्थान करते हैं अनसर काल में श्री मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित युवराज पांडे जी द्वारा प्रेस वार्ता में बताया कि इस काल में महाप्रभु का विशेष पूजा अर्चना किया जाता है जिसमें भगवान को रात्रि काल में संध्या काल में भगवान का दिव्य जड़ी बूटियों से उपचार किया जाता है जिसमें संध्याकालीन में भगवान को गर्म पट्टी में दिव्य जड़ी-बूटी डाल कर के भगवान का लेपन नीम हल्दी से भगवान का कुनकुने पानी से स्नान आदि विविध जड़ी बूटियों से भगवान का उपचार किया जाता है जिसमें पंडित युवराज पांडे जी अपने मंदिर के मुख्य सेवकों के साथ जंगलों में जा करके स्वयं चुन करके दिव्य जड़ी बूटी ला करके महाप्रभु का उपचार करते हैं।