✍️विवेक तिवारी संभागीय ब्यूरो
सतना- महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार और मनमानी इस कदर हावी है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का और उनके परिजनों का कोई बाल बांका नहीं कर सकता, जिले में सबसे बड़ा उदाहरण हेमंत सिंह है। जानकारी के मुताबिक हेमंत सिंह महिला एवं बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर के पद पर नौकरी कर रहा है परन्तु जोड़ जुगाड़ और निगम क़ानून को तहस-नहस कर इसे प्रभारी सीडीपीओ का दायित्व भी हमेशा डीपीओ दिए रहते है। हेमंत सिंह पूर्व सांसद स्व. दादा सुखेद्र सिंह का पुत्र है, इसके परिवार के अन्य परिजन भी भारतीय जनता पार्टी के नेता है। नेतागिरी की धौंस देकर डीपीओ पर दवाब बनाकर प्रभारी सीडीपीओ बना रहता है। फिलहाल जो महत्वपूर्ण बात है वह ये है कि हेमंत सिंह लगातार 20 वर्षों से सतना जिले में पदस्थ है। आज दिनांक तक उसका तबादला किसी अन्य जगह पर नहीं किया गया, यदा-कदा कभी तबदला हुआ भी है तो यह नौकरी करने वहा नहीं गए मेडिकल या किसी तरीके से सतना में ही जमे रहे। हेमंत सिंह के बारे में कहा जाता है इन्होंने नौकरी भी फर्जी तरीके से हथियाई है इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो नहीं कहा जा सकता परंतु चर्चाएं ऐसी हैं। विपक्ष के नेता चाहे कांग्रेसी हो बहुजन या आप पार्टी के हो क्या इन्हे नजर नहीं आता कि भारतीय जनता पार्टी के परिवार का व्यक्ति लगातार 20 वर्षों से एक ही पद में पदस्थ है कोई भी चुनाव हो उसमें इनका दखल रहता है, ऐसी परिस्थितियों में क्या निष्पक्षता से काम करेंगे, ऐसे तमाम सवाल उन विपक्ष के नेताओं से भी है जो मूकदर्शक बने हुए है, ऐसे ही हाल अन्य विभागों का भी है जहां राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले लोग लगातार 20-25 वर्षों से सतना जिले में पदस्थ है किसी भी तरह के नियम कानून से कोई लेना-देना नहीं और विभाग में बैठे जिम्मेदार अधिकारी भी अपना हिस्सा लेकर चुपचाप शांत हो जाते है।