➡️हा जी ये तालाब नही रीवा के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड कि प्रस्तावित जमीन है
➡️इतना कर्रा विकास है कि महीनों बारिश का पानी जमा रहता है
➡️पार्षद और स्थानीय नेता सिर्फ पांचवे साल यहां आते है
रीवा।चारो ओर स्थानीय आबादी से घिरा ये रतहरा के वार्ड क्रमांक 15 नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत आता है जिसके स्थानीय पार्षद पूर्व में अशोक झब्बू वा वर्तमान में उनकी पत्नी है परंतु गनीमत इस बात की है की उन्हें या उनकी पत्नी को आजतक लोगो ने देखा ही नहीं है वो ये भी कहते सोने जा सकते हैं कि हमें किसी चीज से कोई फर्क नहीं पड़ता जिसको जो उखाड़ते बने उखाड़ ले हम ऐसे ही काम करते हैं और सत्ता में आते हैं और हमारी कार्यप्रणाली ऐसी ही है बारिश तो छोड़िए चारो तरफ घर बन जाने से पानी निकासी की व्यवस्था ही नहीं है जिससे कि साल के छः महीने यहां ऐसे ही तालाब बना रहता है जिससे स्थानीय लोगो को जटिल एवम गंभीर बीमारियो के परिणाम भुगतने पड़ रहे है अब 2 सप्ताह के बीच में फंसती जनता है या राजनीति का शिकार होती जनता प्रदूषण ग्राउंड का तो यही हाल है इसकी शिकायत रीवा महापौर अजय मिश्रा बाबा से या स्थानीय विधायक राजेंद्र शुक्ला से करें प्रकार तो स्थानीय पार्षद को ही करना है परंतु क्षेत्र के लोग स्थानीय पार्षद को पहचानते ही नहीं कभी उनका एक दूसरे से आमना-सामना हुआ ही नहीं स्थिति इतनी भयावह एवं गंदी है कि चारों ओर रह रहे क्षेत्रवासियों के घर के भीतर तक पानी घुस रहा है और कमर से ऊपर तक पानी साल के 6 महीने भरा रहता है पानी की निकासी की कोई व्यवस्था ही नहीं कहने को तो यह प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की प्रस्तावित जमीन है परंतु आज तक इस पर किसी की नजर ही नहीं गई स्थानीय लोगों का कहना है कि समस्या तो गंभीर है परंतु अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहानी है कि समस्या कहे तो कहे किससे।
*बाबा सुन लो अरज हमारी*
(ये लाइन हमारे महापौर जी के लिऐ आवंटित है)