कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने दिया भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा

  • Aug 31, 2023
  • Anil Kushwah Buearo Chief

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शिवपुरी-शिवपुरी जिले की कोलारस तहसील से वर्तमान विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने आने निज निवास ओर प्रेस वार्ता कर बताया कि वह आज वह भारी मन से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता एवं विशेष आमंत्रित सदस्य प्रदेश कार्यसमिति के पद से मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूँ।

उन्होंने बताया  कि पिछले 3. 5 सालों से कई बार अपनी पीढ़ा मुख्यमंत्री जी एवं शीर्ष नेतृत्व के सामने रखी पर आप सभी ने कभी ध्यान नहीं दिया। पूरे प्यालियर-चंबल संभाग में मेरे जैसे पार्टी के कई कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नवागत भाजपाई करते रहे और यह सब आज तक हमारे साथ सिर्फ इसलिए होता रहा है कि हमने पूरी निष्ठा व ईमानदारी से 2014 एवं 2019 के. लोकसभा चुनाव में भाजपा का काम किया एवं सफलता पाई।

 शिवपुरी जिले एवं कोलारस विधानसभा में भ्रष्ट अधिकारियों की पोस्टिंग सिर्फ इसलिए की जा रही है, ताकि वे मेरे हर विकास कार्य में रुकावटें उत्पन्न कर सकें व मुझे एवं मेरे कार्यकर्ताओं को परेशान कर सकें।सिथिया जी ने यह कह कर कांग्रेस की सरकार गिराई थी कि किसानों का 02 लाख का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा पर भाजपा की सरकार बनने के बाद सिंधिया जी ने किसान कर्ज माफी करना तो दूर आज दिन तक कर्जमाफी की बात तक नहीं की। सरकार के मंत्री एवं प्रशासन के अधिकारी भ्रष्टाचार में डूब गए हैं। शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री ने स्वयं मेरे विधानसभा क्षेत्र में रिश्वत मांगने के मामले में कहा कि "मंदिर में भी प्रसाद चढाते हैं, यह उसी तरह का नेग है और नेग तो देना पड़ेगा"। भ्रष्टाचार ने प्रदेश को शर्मसार किया है, प्रशासन निरंकुश है. भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं की कोई सुनवाई नहीं है।शिवपुरी जिले सहित सम्पूर्ण प्रदेश में कॉपरेटिव बैंको में किसानों की जमा पूंजी में ही संघ लगाकर राशि का आहरण करने के बड़े घोटाले सामने आए। किसानों से की गई धोखाधड़ी के मामले सरकार के सामने आने के बाद भी विगत तीन वर्षों से किसान आज भी अपनी जमा राशि को बैंक से निकालने के लिए चक्कर लगा रहे है। किसानों की जमा राशि का भुगतान उन्हें ही नहीं हो रहा. लेकिन सरकार द्वारा इसके लिए कोई कार्यवाही नहीं की जारही कॉपरेटिव बैंकों के घोटाले के विषय पर विधानसभा सदन में भी मैंने मुद्दा उठाया चर्चा हुई लेकिन आज तक सरकार ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जिससे किसान लगातार परेशान हैं। इसी प्रकार प्रदेश भर में गौमाता के नाम पर वोट तो मांगे गए लेकिन गौमाता के पोषण के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। बनाई गई गौशालाओं में से अधिकतर का संचालन नहीं हो रहा और जो संचालित हैं उनमें 4-5 महीनों तक सरकार द्वारा राशि नहीं भेजी जाती, जिससे गौमाता आज भी सड़कों पर अपने प्राण त्याग रहीं हैं। प्रदेश सरकार के 3:14 लाख करोड़ के बजट में गौमाता के लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं किया गया।

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