- Sep 05, 2023
- Ashwani Awasthi Pushpanjali Today
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने पिछले दिनों तमिलनाडु में आयोजित सनातन उन्मूलन सम्मेलन में सनातन धर्म को लेकर एक बेहद ही आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा कि "सनातन धर्म मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह है और इसका विरोध करना ही पर्याप्त नहीं बल्कि इसका खात्मा किया जाना चाहिए ।" उदयनिधि स्टालिन के बयान पर महासमुंद के पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विश्व के सबसे पुराने और महान धर्म "सनातन धर्म" के बारे में अपशब्द कहने वाले उदयनिधि स्टालिन अपने ही मातृधर्म के बारे में अनर्गल प्रलाप कर अपने मानसिक दिवालियापन का परिचय दे रहे हैं । जबकि सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन जैसे निकृष्ट लोगों द्वारा जारी किए जाने वाले ऐसे अभद्र और घोर आपत्तिजनक बयान का इसी तरह कोई प्रभाव नहीं पड़ता, जैसे चंदन के पेड़ पर कितने भी जहरीले सांप लिपट जाएं, उनके जहर का असर चंदन के पेड़ पर नहीं पड़ता । श्री साहू ने कहा कि दरअसल उदयनिधि स्टालिन ने केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए जानबूझकर सनातन धर्म को लेकर इस प्रकार का अनर्गल बयान दिया है । तमिलनाडु में कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों की सरकारों के संरक्षण के चलते तमिलनाडु में लगातार ईसाई और मुस्लिम धर्म के मानने वालों की संख्या बढ़ रही है । आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपने इन्हीं वोट बैंकों को खुश रखने के लिए उदयनिधि स्टालिन का यह असफल प्रयास है । श्री साहू ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन डीएमके दल के नेता हैं और डीएमके, कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. में शामिल है । उदयनिधि स्टालिन का बयान इस बात को एक बार फिर से प्रमाणित करता है कि I.N.D.I.A. में शामिल सभी दल सनातन धर्म के विरोधी हैं और तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देने वाले हैं, जिनका केवल एक ही मकसद है देश के सभी धर्मों के मध्य "फूट डालो और राज करो" की नीति जारी रखना ।जबकि इसके उलट भाजपा सभी धर्मों को साथ लेकर चलने वाली धर्मनिरपेक्ष पार्टी है । श्री साहू ने आगे कहा कि सनातन धर्म एक महान, सहनशील और शांतिप्रिय धर्म है, जिसके चलते कांग्रेस और उसके सहयोगी दल, सनातन धर्म को लेकर लगातार अनर्गल और बेहद ही आपत्तिजनक बयान देते रहते हैं । लेकिन अब देश की जनता और सभी धर्मों के लोग, कांग्रेस व उनके सहयोगी दलों के इस चरित्र को समझ चुके हैं । यही वजह है कि तीसरी बार भी देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक सशक्त और धर्मनिरपेक्ष सरकार बनेगी ।