पैथोलॉजी विभाग एवं शिशु रोग विभाग के द्वारा थेलेसिमियां एवं रक्त कोष पर एक दिवसीय सेमीनार आयोजित

  • Dec 20, 2023
  • Anil Kushwah Buearo Chief

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शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय शिवपुरी में बुधवार को मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित, पुष्प अर्पण कर थैलेसीमिया एवं रक्त कोष पर सीएमई का शुभारंभ मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. के. बी. वर्मा, अस्पताल अधीक्षक आशुतोष चौऋिषी , विभागाध्यक्ष डॉ.अपराजिता तोमर, विभागाध्यक्ष डॉक्टर प्रियंका गर्ग, विभागाध्यक्ष डॉक्टर पंकज शर्मा द्वारा किया गया। पैथोलॉजी विभाग एवं शिशु रोग विभाग के द्वारा एक CME Pedohemocon का आयोजन किया गया, जिसमें शिशु रोग विभाग द्वारा थैलेसीमिया के बारे में बताया गया ।



कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉक्टर प्रियंका गर्ग विभागाध्यक्ष द्वारा बताया कि थैलेसीमिया जेनेटिक बीमारी है, जिसके बढ़ने का कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए शादी से पहले लड़के-लड्कियों को टेस्ट करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया गंभीर अनुवांशिक खून रोग है। इससे पीड़ित व्यक्ति में लाल सेल बनाने की शक्ति कम या खत्म हो जाती है। इस रोग के प्रमुख लक्ष्णों में पीड़ित के वृद्धि और विकास में देरी, थकावट महसूस करना, चमड़ी का रंग पीला पड़ना आदि शामिल हैं।


वहीं डॉक्टर शमी जैन के द्वारा थैलेसीमिया को किस तरह ट्रीट किया जाता है उसके बारे में जानकरी दी। पैथोलॉजी विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉ.अपराजिता तोमर ने बताया कि ब्लड चढ़ाने से पहले ब्लड बैग पर लिखी एक्सपायरी डेट ज़रूर देख लें। कभी भी ब्लड वाले बैग को गंदे हाथो से न छुये, निश्चित कर ले कि आपके हाथ पहले धुले हो फिर ही आप ब्लड बैग को छुएं। ब्लड को अस्पताल ले जाते समय इस बात की सावधानी बरतनी चाहिए कि उसका तापमान 4 डिग्री सेल्शियस तक बना रहे। इसके लिए थेर्मोकोल के बॉक्स का इस्तेमाल करना चाहिये। याद रखें कि कभी भी ब्लड को बर्फ के साथ न रखें।


 इसके साथ ही डॉक्टर हेमलता बमोरिया डॉक्टर विद्यानंद पंडित, डॉक्टर शिल्पा सुपेकर के द्वारा रक्त किस तरीके से चढ़ाया जाता है और कब दिया जाना चाहिए इसके बारे में बताया गया पैथोलॉजी विभाग के डॉक्टर पारुल नेमा ने थैलेसीमिया की जांचों के बारे में अवगत कराया। इस CME के मुख्य अतिथि डॉक्टर अशोक राजोरिया हेमेटो ऑंकोलॉजिस्ट ग्वालियर के द्वारा विभिन्न प्रकार की एनीमिया एवं उनकी डायग्नोसिस कैसी की जाती है इसके बारे में पूरी सभा को अवगत कराया । इस दौरान शहर के वरिष्ठ पैथोलॉजिस्ट एवं पीडियाट्रिशियन भी उपस्थित रहे।

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