प्रधान जिला न्यायाधीश ने बंदियों को दी अधिकारों की जानकारी
पुष्पांजलि टुडे से जिला ब्यूरो चीफ हरचरण प्रजापति
पन्ना: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार बुधवार को विधिक सेवा दिवस के मौके पर जिला जेल पन्ना में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कु. भावना साधौ की अध्यक्षता में वृहद विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। ’’हक हमारा भी तो है/75’’ अभियान के तहत आयोजित शिविर में प्रधान जिला न्यायाधीश ने जेल बंदियों को बताया कि संविधान के तहत सभी बंदियांे को निःशुल्क व त्वरित न्याय प्राप्त करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि नियुक्त पैनल लॉयर्स और पैरालीगल वॉलेंटियर्स को विचाराधीन बंदियों द्वारा अपराध से संबंधित संपूर्ण जानकारी सत्यतापूर्वक देना चाहिए, जिससे नियुक्त अभिभाषक न्यायालय के समक्ष उनका पक्ष पूर्ण रूप से रख सकें और संबंधित न्यायालय उचित रूप से न्याय प्रदान कर सकें। उन्हांेने महिला बंदियों से घूंघट प्रथा जैसी कुरीति समाप्त करने और सभी बंदियों को अपराध का प्रायश्चित कर परिवार के साथ सुखमय जीवन व्यतीत करने के लिए समझाया। इसके साथ ही 12 नवम्बर को नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य व सौदे के अभिवाक योग्य प्रकरणों का निराकरण करने के लिए भी समझाया गया।
सचिव राजेन्द्र कुमार पाटीदार ने बंदियों को ’’हक हमारा भी तो है/75’’ अभियान के तहत सभी बंदियों की एकत्रित की गई जानकारी और उच्च एवं उच्चतम न्यायालय में उपयोग करने के बारे मंे बताया। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से निःशुल्क व त्वरित न्याय प्राप्ति के लिए की जा रही कार्यवाहियों के बारे में जानकारी दी। जिला विधिक सहायता अधिकारी देवेन्द्र सिंह परस्ते द्वारा कार्यक्रम का संचालन कर प्राधिकरण की योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। उप जेल अधीक्षक राजेन्द्र मिश्रा ने आभार प्रदर्शन किया।
शिविर में पैनल लॉयर्स आनंद सिंह, करण सिंह, बद्री प्रसाद लोधी तथा पैरालीगल वॉलेंटियर्स सविता चौबे, आरती सिंह, अमृता खरे, नीतू गुप्ता, सीता रैदास, कविता रैकवार, कृष्णा कुशवाह, वैशाली लखेरा, गोमती कुशवाहा, आसिफ खान, लोकेश प्रसाद रैदास, पुष्पेन्द्र कुशवाहा, सोनू यादव, चतुरेश अहिरवार सहित कार्यालयीन स्टॉफ देवीदीन अहिरवार, प्रशांत कुशवाहा, लोकेन्द्र सिंह और खुर्शीद अहमद व जेल स्टॉफ उपस्थित रहे। प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा शिविर उपरांत महिला वार्ड में पहुंचकर महिला कैदियों से चर्चा भी की गई। किसी भी प्रकार की चिकित्सा आवश्यकता होने पर जेल अधीक्षक के माध्यम से सूचित करने के लिए कहा। भोजनशाला का निरीक्षण भी किया गया।