संसार में अच्छे कर्म करने वाला मनुष्य अमर हो जाता हैः-भरत जी महाराज

  • Nov 09, 2022
  • Gourishankar Kushwaha Panna

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संसार में अच्छे कर्म करने वाला मनुष्य अमर हो जाता हैः-भरत जी महाराज                                                 

संभागी ब्यूरो गौरीशंकर कुशवाहा की पुष्पांजलि टुडे की खबर

पन्ना/शहर के इंद्रपुरी कॉलोनी स्थित नवीन कलेक्ट्रेट भवन के सामने सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ पुनीत खरे के निवास पर श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन चित्रकूट के सुप्रसिद्ध कथा वाचक भरत जी महाराज ने भगवान के चौबीस अवतारों की कथा के साथ-साथ समुद्र मंथन की बहुत ही रोचक एवं सारगर्भित कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है। यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं। जब-जब कोई अपने गलत कर्मो द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सजनों का उद्धार और दुर्जनों का संघार किया करते हैं ।समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा कि मानव हृदय ही संसार सागर है। मनुष्य के अच्छे और बुरे विचार ही देवता और दानव के द्वारा किया जाने वाला मंथन है। कभी हमारे अंदर अच्छे विचारों का चितन मंथन चलता रहता है और कभी हमारे ही अंदर बुरे विचारों का चितन मंथन चलता रहता। देवता की जीत से जीवन में सुखी महाराज श्री ने बताया कि जिसके अंदर के दानव जीत गया उसका जीवन दुःखी, परेशान और कष्ट कठिनाइयों से भरा होगा और जिसके अंदर के देवता जीत गया उसका जीवन सुखी, संतुष्ट और भगवत प्रेम से भरा हुआ होगा । इसलिए हमेशा अपने विचारों पर पैनी नजर रखते हुए बुरे विचारों को अच्छे विचारों से जीतते हुए अपने मानव जीवन को सुखमय एवं आनंद मय बनाना चाहिए । कथा के प्रारंभ में श्री भागवत भगवान का पूजन कर आरती उतारी गई और कथा सहयोगी द्वारा कथा के बीच बीच में महाराज श्री ने भागवत भजन के द्वारा माहौल को भागवत मय एवं भक्ति मय बना दिया। कथा सुनने के लिए आस पास के लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। कथा के मुख्य श्रोता डॉ पुनीत कुमार खरे एवं श्रीमती माया खरे है। खरे परिवार ने भगवत प्रेमियों से आग्रह किया है की अपरान्ह 3 बजे से शाम 7 बजे तक कथा परिसर मे पधार कर भगवत कथा का श्रवण पान करें।

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