जिला न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का हुआ आयोजन

  • Nov 12, 2022
  • Pushpanjali Today

news_image

भिण्ड । राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार दिनांक 12 नवम्बर, 2022 को नेशनल लोक अदालत का श्री अक्षय कुमार द्विवेदी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के निर्देशानुसार एवं श्री सुनील दण्डौतिया जिला न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के मार्गदर्शन में आयोजन किया गया। श्री अक्षय कुमार द्विवेदी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं द्वीप प्रज्जवलित कर, नेशनल लोक अदालत का औपचारिक शुभारंभ ए.डी.आर. भवन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण

जिला न्यायालय परिसर भिण्ड में किया गया। नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ के अवसर पर माननीय अमनीश कुमार वर्मा अध्यक्ष उपभोक्ता फोरम, श्री देवेन्द्र कुमार मिश्र विशेष न्यायाधीश, सुनील दण्डौतिया जिला न्यायाधीश / सचिव महोदय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड, जिला न्यायालय के समस्त न्यायिक अधिकारीगण, सौरभ कुमार दुबे जिला विधिक सहायता अधिकारी भिण्ड, रज्जन सिंह भदौरिया अध्यक्ष अभिभाषक संघ भिण्ड एवं अभिभाषकगण, विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, न्यायालय कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु जिला मुख्यालय भिण्ड एवं न्यायिक तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार हेतु कुल 33 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था जिसमें से जिला मुख्यालय भिण्ड एवं तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार में लंबित कुल न्यायालयीन प्रकरण संख्या 657 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें कुल 1414 पक्षकार लाभान्वित हुए तथा राशि 14223148/ (एक करोड़ बयालीस लाख तेईस हजार एक सौ अड्तालीस

रूपये मात्र ) - रूपये का अवार्ड पारित किया गया। उक्त प्रकरणों के अतिरिक्त प्रीलिटिगेशन जिनमें जलकर सम्पत्तिकर, विद्युत बी.एस.एन.एल, बैंक आदि के कुल प्रीलिटिगेशन प्रकरण संख्या 796 का निराकरण किया गया, जिसमें 1179 व्यक्ति लाभांवित हुए तथा उक्त प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में कुल 4881571 /- रूपये राशि वसूल की गई।

*मुकदमें की 30वीं वर्ष गांठ पर ही हुआ मुकदमें का अन्त*

गौरा देवी ग्राम विलाव जिला भिण्ड की निवासी है उनके पिता की ग्राम विलाव में 2.6 एकड़ की कृषि जमीन

थी जिसके संबंध में उन्होंने एक मात्र पुत्री / वारिस दावा प्रस्तुत किया गया था जिस पर प्रतिवादी कमांक 2 दुजा देवी ने वादी के पिता की पत्नी होने तथा प्रतिवादी क्रमांक 1 विजयराम वादी के पिता दुरगन का पुत्र होने का दावा करते हुए अपने नाम कमशः 1/3 भूमि अपने नाम स्थानांतरित करवाली। उक्त स्थानांतरण से व्यथित होकर गौरा देवी ने दिनांक 12.11.1992 को जिला न्यायालय भिण्ड के व्यवहार न्यायाधीश की अदालत में कृषि भूमि से संबंधित स्वत्व घोषणा एवं स्थाई निषेधाज्ञा हेतु अर्जी लगाई थी। उक्त न्यायालय द्वारा गौरा देवी के पक्ष में डिकी पारित हुई जिसमें प्रथम अपील दिनांक 24.02.2004 को प्रतिवादीगणों के द्वारा प्रस्तुत हुई जिसमें मामला पुनः अधीनस्थ न्यायालय को भेज दिया गया, जिसके विरूद्ध वादी गौरा देवी ने माननीय उच्च न्यायालय में द्वितीय अपील प्रस्तुत की थी जिसमें न्यायमूर्ति श्री दीपक कुमार अग्रवाल द्वारा मामला पुनः प्रथम अपीलीय न्यायालय भेज दिया गया तथा 3 माह में निराकरण करने के निर्देश दिये गए। यह मामला नेशनल लोक अदालत की खण्डपीठ क्रमांक 4 में प्रस्तुत किये जाने हेतु रैफर किया गया जिसके तारतम्य में उभयपक्ष पीठासीन अधिकारी हेमंत सविता प्रथम जिला न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत हुए। उक्त मामले में खण्डपीठ द्वारा दोनों पक्षों को समझाइस दी गई जिस पर दोनों पक्ष आपसी सहमति से मामले का अन्त करने हेतु राजी हुए, वादी गौरा देवी द्वारा प्रतिवादी दुजा देवी एवं विजयराम

को कमशः अपनी मां एवं भाई के रूप में मान्यता देते हुए विवादित भूमि का 1/3 ,1/3 भाग देना स्वीकार किया गया। प्रतिवादियों ने भी उन्हें घर का बुजुर्ग मानकर उनका आर्शीवाद प्राप्त किया। इस

प्रकार से 30 वर्षों की आपसी कटुता को समाप्त कर दोनों पक्ष एक-दूसरे के गले मिले तथा फूल माला

भी पहनाई और खुशी-खुशी एक-दूसरे के साथ सौहार्द पूर्वक रहने का वादा करते हुए अपने घर के लिए

रवाना हुए।

COMMENTS

ARTICLES BY AUTHOR

Nil Kumar

Columnist

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका

राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक

कमल राठौर साहिल शिवपुर मध्य प्रदेश

लेखक

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका,स्वरचित मौलिक