खाद वितरण व्यवस्था पर सभी एसडीएम निगरानी करें- कलेक्टर

  • Nov 14, 2022
  • Anil Kushwah Buearo Chief

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टीएल बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश

शिवपुरी-अभी खाद वितरण व्यवस्था में कई जगह से शिकायत प्राप्त हो रही है। सभी एसडीएम खाद वितरण व्यवस्था पर निगरानी करें। खाद की पर्याप्त उपलब्धता है परंतु खाद्य वितरण में व्यवस्था होना चाहिए। अभी इन समितियों के माध्यम से खाद का वितरण किया जा रहा है। उन केंद्रों का निरीक्षण करें। प्राइवेट दुकानों से भी किसान खाद खरीद रहे हैं। सभी केंद्रों पर खाद की उपलब्धता और रेट सूची प्रदर्शित होनी चाहिए। खाद्य वितरण केंद्रों पर भीड़भाड़ ना हो और किसानों को लंबी लाइन में ना लगना पड़े इसके लिए टोकन की व्यवस्था की जाए, जिससे उनका नंबर आने पर किसान वहां पहुंचे। सभी केंद्र पर अनाउंसमेंट के लिए माइक भी रखा जाए।

जिन अधिकारियों की ड्यूटी खाद्य वितरण व्यवस्था में लगाई गई है वह निरीक्षण करें और जहां कहीं समस्या है उससे अवगत कराएं। बैठक में अपर कलेक्टर विवेक रघुवंशी, जिला पंचायत सीईओ उमराव मरावी सहित समस्त एसडीएम और जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

अंतर विभागीय समन्वय बैठक में सीएम हेल्पलाइन और समय सीमा पत्र की भी समीक्षा की गई और समय सीमा में निराकरण के निर्देश सभी अधिकारियों को दिए हैं। इसके अलावा सशस्त्र सेना झंडा दिवस के तहत सैनिक कल्याण बोर्ड को राशि जमा कराने पर भी चर्चा की गई। जिसमें विभिन्न विभागों को सैनिक कल्याण के लिए राशि जमा करानी है।

खाद की शिकायत के लिए कंट्रोल रूम स्थापित

खाद वितरण संबंधी शिकायतों के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिसका नम्बर 07492- 234378 है। खाद वितरण व्यवस्था में किसी प्रकार की समस्या की शिकायत इस नंबर पर की जा सकती है।

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की जरूरत बढ़ती ऊर्जा की मांग को देखते हुए और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की जरूरत है। अभी शासन द्वारा ऊर्जा साक्षरता अभियान भी चलाया जा रहा है। टीएल बैठक के दौरान भी कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सौर ऊर्जा से चलने वाली एलईडी लाइट का प्रदर्शन किया गया।पात्रता पर्ची के लिए चलाएं अभियान कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि जिले में ऐसे कई पात्र हितग्राही चिन्हित किए जा सकते हैं जिनकी पात्रता पर्ची बनना है। अभी नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। अपने क्षेत्र के पार्षदों से चर्चा करें और ऐसे हितग्राहियों को चिन्हित करें।

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