एनआरएलएम द्वारा चलाये जा रहे स्व-सहायता समूह से जुड़कर विकासखण्ड जतारा की निवासी श्रीमती कमला चढ़ार अब स्वयं परिवार के भरण पोषण हेतु आत्मनिर्भर हो गयी हैं, वे एनआरएलएम स्व-सहायता समूह से जुड़ने पर बहुत खुश हैं। श्रीमती चढ़ार द्वारा घर के सभी कार्य किये जाते है, जिसमें उनके पति भी सहयोग करते है। श्रीमती चढ़ार की 7 लड़कियों में से 3 की शादी हो गई है, शादी का खर्चा भी व्यापार के माध्यम से ही संपन्न हो पाया। वर्तमान समय में श्रीमती कमला चढ़ार सीएलएफ के अध्यक्ष पद पर हैं, इनकी मासिक आय कम से कम 5000 रूपये है।
श्रीमती कमला चढ़ार ने बताया कि समूह से जुड़ने के पूर्व की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। परिवार के भरण पोषण करने में परेशानी होती थी तथा आय का साधन केवल कृषि होने के कारण आय नहीं हो पा रही है।
श्रीमती कमला चढ़ार समूह से जुडने के बाद समूह कि अन्य महिलाओं के साथ उठना बैठना प्रांरभ किया गया एवं समूह की बैठक में शामिल हुईं, जिसमें मिशनकर्मीओं द्वारा समय-समय पर क्षमतावर्धन एवं प्रशिक्षण दिया गया। गतिविधियों के बारे में बताया गया। जिसमें आमदानी बढाने हेतु चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि जिसमें मुझे मुर्गी पालन का कार्य समझ आ गया। श्रीमती कमला चढ़ार ने महिला मुर्गी उत्पादक सहकारी मर्यादित समिति जतारा से जुड़कर बहुत अच्छे से काम को समझ लिया और धीरे-धीरे मुर्गी के छोटे बच्चे को पालना शुरू किया और आज वर्तमान में बहुत अच्छे से छोटे मुर्गी के बच्चों को बढ़ाकर की बाजार में बेचती हैं। इनकी मासिक आय कम से कम 5000 रूपये है।
जिला टीकमगढ़ संवाददाता सुनील कुमार अहिरवार