वाह ! डीन साहब, आप सही और EOW सहित आला अधिकारी गलत...

  • Sep 01, 2022
  • Anil Kushwah Buearo Chief

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ग्वालियर-जयारोग्य अस्पताल में हुए नर्सिंग भर्ती घोटाले में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर आगामी 5 सितंबर को बयान दर्ज किए जाएंगे , इसके अलावा समिति के सदस्यों के भी बयान EOW की ओर से लिए जाएंगे ।  जयारोग्य अस्पताल में हुए नर्सिंग भर्ती घोटाले की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए EOW ने गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर के पूर्व डीन डॉ समीर गुप्ता पर प्रकरण दर्ज किया था । डॉ समीर गुप्ता पर नर्सिंग भर्ती में गड़बड़ियों को लेकर आरोप लगे थे जिसकी शिकायत है अभ्यर्थियों सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता ने विभाग के आला अधिकारियों को की थी,  जीवाजी विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद सदस्य द्वारा इस मामले की शिकायत उच्च स्तर पर की गई तो भोपाल में बैठे आला अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेकर पूर्व डीन डॉ समीर गुप्ता पर प्रकरण दर्ज करने के निर्देश ग्वालियर की EOW शाखा को दिए गए और शायद इसी के चलते हैं कुछ दिन पूर्व ही डॉ समीर गुप्ता को गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता पद से हटाया गया था ।




इस मामले पर एक रोचक तथ्य सामने आया है जो बड़ा ही हास्यास्पद लगता है उक्त मामले में आरोपी डॉ समीर गुप्ता ने एक निजी अखबार को बताया है कि "नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया नियमों का पालन करके की गई थी, सामान्य प्रशासन विभाग के उस वक्त के नियमानुसार जो कमेटी गठित की गई थी उनकी अनुशंसा के अनुसार एमपी ऑनलाइन से परीक्षा पासकर मेरिट लिस्ट बनाई गई थी । मेरिट लिस्ट का स्क्रूटनी कमेटी और चयन समिति ने अवलोकन कर अनुमोदन किया था । एमपी ऑनलाइन की मेरिट लिस्ट ऑनलाइन उपलब्ध रहती है , एमपी ऑनलाइन से परीक्षा कराने का आदेश शासन ने दिया था । भर्ती परीक्षा में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है ।" यानी शिकायतकर्ता द्वारा झूठी शिकायत डॉ समीर गुप्ता के खिलाफ की थी और जो अभ्यर्थी नौकरी से वंचित रह गए उनके आरोप भी निराधार हैं तो फिर सवाल यह भी उठता है कि यदि डॉ समीर गुप्ता अपनी जगह सही है तो फिर भोपाल में बैठे विभागीय आला अधिकारी और EOW के वरिष्ठ अधिकारियों ने किस आधार पर डॉ समीर गुप्ता पर प्रकरण दर्ज के निर्देश दिए हैं, जानकारी के अनुसार उक्त मामला विधानसभा से लेकर न्यायालय तक जा पहुंचा था जहाँ आधी अधूरी जानकारी कॉलेज प्रबंधन ने पेश की थी  । भ्रष्टाचार के मामले में फंस चुके डॉ समीर गुप्ता अब खुद को बचाने के लिए मीडिया में नियमों के अनुसार हुई भर्ती की बात कर रहे हैं जबकि इस मामले में शिकायतकर्ता और जांचकर्ता बता सकते हैं कि किन तथ्यों पर शिकायत की गई थी और किन तथ्यों पर प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही है । सूत्रों के मुताबिक इस घोटाले की जड़ें बहुत गहरी हैं और यही कारण है कि पूर्व डीन डॉ समीर गुप्ता पर प्रकरण दर्ज होने के बाद से जीआरएमसी में हड़कंप मच गया है क्योंकि जांच के दायरे में कई और नाम भी आ सकते हैं जिन पर भी कार्यवाही हो सकती है ।

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