छत्तीसगढ़ गरियाबंद जिले का धरोहर कांदाडोंगर जो मैनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत गोढियारी में स्थित है!प्राकृतिक
सौन्दर्यता से सराबोर यह खूबसूरत पहाड़ सदैव से सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है!यूं तो यहाँ पर रोज सैलानियों का तांता लगा रहता है!फिर भी प्रत्येक नववर्ष के अवसर पर यहाँ हजारों की तादाद में लोग परिवार सहित पिकनिक मनाने आते हैं!और यहाँ के खूबसूरत वादियों में भ्रमण कर भरपूर आनंद उठाते हैं!धार्मिक मान्यता और आस्था के अनुसार देवगढ़ कांदाडोंगर में स्थित मंदिर में चौरासीगढ़ के देवी माँ कुलेश्वरीन,माँ खम्भेश्वरीन विराजमान हैं!जहाँ पर प्रत्येक वर्ष विजयादशमी के दिन आदिवासी परम्परा के अनुरूप दशहरा पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं!तथा पर्वत के दक्षिण दिशा में त्रेतायुग में तपस्यारत रहे मुनि सरभंग ऋषि का जोगीमठ नामक गुफा है!साथ ही पर्वत के नीचे कचनाध्रुरवा जी का मंदिर स्थापित है!मंदिर के नजदीक दैवीय शक्ति से निर्मित चाटुबंद नामक एक सुंदर सरोवर है!जिसमें बारहों महिनें जल भरा रहता है!वही पर मैदानी भाग में
कांदाडोंगर परिक्षेत्र के यादव समाज द्वारा निर्मित श्री राधा कृष्ण जी का मंदिर स्थित है!जहाँ पर लाखों श्रद्धालुगण दर्शन लाभ लेते हैं!इतना ही नहीं बल्कि इस पर्वत श्रेणी के जंगलों में अनेक प्रकार के जड़ीबूटी और इमारती लकड़ी प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं!इस तरह कांदाडोंगर में अनेक प्रकार के ऐतिहासिक,धार्मिक एवं प्राकृतिक मान्यताएँ प्रचलित है!उसके बावजूद आज भी शासन प्रशासन से कांदाडोंगर को पूर्ण पर्यटन स्थल का दर्जा नही मिल पाया है!जो लम्बे अर्से से इस क्षेत्र की जनता का बहुप्रतीक्षित मांग है!