छत्रसाल महाविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव पर हुआ राष्ट्रीय शोध सेमिनार

  • Jan 14, 2023
  • Gourishankar Kushwaha Panna

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छत्रसाल महाविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव पर हुआ राष्ट्रीय शोध सेमिनार

देश के प्रतिष्ठित विद्वानों ने शोध पत्र वाचन किये
कुल 28 शोध पत्र पढ़े गए
80 विद्यार्थियों ने कराया पंजीयन


पन्ना छत्रसाल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध सेमिनार का भव्य और गरिमा पूर्ण आयोजन कलेक्टर श्री संजय कुमार मिश्र के मुख्य आतिथ्य में किया गया। एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध सेमिनार के मुख्य वक्ता डॉ हरिशंकर गौर विश्वविद्यालय, सागर के इतिहास विभाग के अध्यक्ष  प्रोफेसर बीके श्रीवास्तव थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ एच एस शर्मा ने की। कार्यक्रम की संयोजक प्रोफेसर उषा मिश्रा एवं कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रोफेसर विनय श्रीवास्तव थे। इस कार्यक्रम में शासकीय केआरजी कन्या महाविद्यालय, ग्वालियर की प्रोफेसर मीना श्रीवास्तव, प्रोफेसर संजय स्वर्णकार, प्रोफेसर कुमकुम माथुर एवं श्री गोविंद बाथम विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर एवं अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। महाविद्यालय की छात्राएं जागृति सक्सेना, प्रकृति राय, प्रियंका गोस्वामी, वंदना कुशवाहा, एवं खुशी अहिरवार ने सरस्वती वंदना और स्वागत गान प्रस्तुत किया। एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय था आजादी का अमृत महोत्सव उपलब्धियों एवं चुनौतियां। प्रारंभ में प्राचार्य डॉ एच एस शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय की गतिविधियों पर एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। संयोजक प्रोफेसर उषा मिश्रा ने स्वागत भाषण दिया। प्रोफेसर विनय श्रीवास्तव ने शोध सेमिनार के विषय एवं उससे जुड़े हुए विभिन्न उप विषयों का प्रवर्तन किया। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत प्रशासनिक अधिकारी एवं आइक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रोफ़ेसर पीपी मिश्रा, वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर एस पी एस परमार, संयोजक डॉ उषा मिश्रा, सहसंयोजक डॉ एसके पटेल एवं एसएस राठौर, आयोजन सचिव प्रोफेसर विनय श्रीवास्तव, प्रोफेसर जेके वर्मा, प्रोफेसर आर एम दत्ता, प्रोफेसर राजीव सिंह, डॉक्टर सचिन गोयल, डॉ भोला नाथ जायसवाल, श्री सिद्धू सिंह, श्री सतीश त्रिपाठी, डॉ आर एम तिवारी, डॉ डीपी कुशवाहा, डॉक्टर शिव गोपाल सिंह, डॉ नंदकुमार पटेल, डॉ पुष्पराज सिंह, डॉ पुष्कर सिंह, डॉक्टर ऋषभदेव साकेत, डॉ सत्यप्रकाश, डॉ बृजेश कुमार दोहरे, श्री मयंक सिंह,डॉ कविता परबंदा, डॉ श्वेता ताम्रकार, डॉ अंकिता सोनी डॉ गुलाब धर, श्री रजनीश चौरसिया, श्री मनोज कुमार गोंड, सहित अन्य लोगों ने किया।मुख्य अतिथि श्री संजय कुमार मिश्र ने आजादी की पृष्ठभूमि पर व्यापक चर्चा करते हुए इसकी उपलब्धियों और चुनौतियों पर सार्थक संवाद किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में हमारी कमियां, हमारी चुनौतियां हैं, इन्हें दूर करना होगा। मुख्य वक्ता प्रोफेसर बी के श्रीवास्तव ने आजादी की उपलब्धियों की ऐतिहासिक व्याख्या करते हुए बुंदेलखंड क्षेत्र के स्वाधीनता आंदोलन और गुमनाम शहीदों पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने लोकगीतों के माध्यम से बुंदेलखंड में स्वतंत्रता आंदोलन की घटनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र में प्राचार्य डॉ एच एस शर्मा ने कलेक्टर एवं अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर शॉल एवं श्रीफल से स्वागत किया। प्रथम तकनीकी सत्र के अध्यक्ष शासकीय केआरजी स्वशासीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय ग्वालियर के प्रोफेसर संजय स्वर्णकार थे। इस सत्र में विषय विशेषज्ञ रिपोर्टर के रूप में ग्वालियर की प्रोफ़ेसर कुमकुम माथुर एवं सिंगरौली के सहायक प्राध्यापक श्री गोविंद बाथम उपस्थित थे। प्रोफ़ेसर संजय स्वर्णकार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आजादी के अमृत महोत्सव के पश्चात विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त चुनौतियों पर तथ्यपरक शोध पत्र पढ़ा। उन्होंने कहा कि वर्तमान क्षेत्र में राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई, ऐसी चुनौतियां हैं, जिन्हें दूर करना युवाओं की जिम्मेदारी है। आने वाला समय युवाओं का होगा, इसलिए उन्हें विभिन्न क्षेत्रों की चुनौतियों से जूझना होगा। इस सत्र में कुल 9 शोध पत्र पढ़े गए, जिनमें 3 शोध पत्र इतिहास विषय से संबंधित हैं। छत्रसाल महाविद्यालय की प्रथम शोध छात्र के रूप में श्रीमती शीला, शिवानी दहायत, एवं अरविंद प्रजापति ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया। छतरपुर के भूगोल, राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र विषय के 6 शोधार्थियों ने भी इस सत्र में अपने शोध पत्र पढ़े। प्रोफेसर कुमकुम माथुर ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से आगरा की ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण और संवर्धन पर अपना महत्वपूर्ण शोध पत्र पढ़ा। श्री गोविंद बाथम ने पन्ना के संरक्षित ऐतिहासिक मकबरों पर अपना शोध पत्र पढ़ा। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर मीना श्रीवास्तव ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में ग्वालियर की वीरांगना बैजाबाई पर अपने शोध पत्र का वाचन किया। इस सत्र में कुल 19 शोध पत्र पढ़े गए। महाविद्यालय की छात्रा मांडवी बुंदेला, कर्णिका श्रीवास्तव, जागृति सक्सेना, संजय कुमार, हरिओम सक्सेना, सौरभ जड़िया, ने जल संसाधन से संबंधित अपने शोध पत्र पढ़े। समापन सत्र की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ एच एस शर्मा ने की। समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर मीना श्रीवास्तव थीं, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर उमा त्रिपाठी, प्रोफेसर एस पी एस परमार, प्रोफेसर एसएस राठौर, एवं प्रोफेसर संजय स्वर्णकार उपस्थित थे। प्रोफेसर परमार ने विषय की पृष्ठभूमि पर अपना प्रकाश डाला। प्रोफेसर एसएस राठौर ने आजादी की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुए शहीदों श्रद्धांजलि दी। प्रोफेसर उमा त्रिपाठी ने इस अवसर पर अपने संक्षिप्त उद्बोधन में विषय की मीमांसा प्रस्तुत की। आभार प्रदर्शन प्रोफेसर विनय श्रीवास्तव एवं प्रोफेसर एसके पटेल ने किया। इस अवसर पर अपने शोध पत्र का वाचन करने वाले शोधार्थियों एवं महाविद्यालय के छात्र छात्राओं को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर प्राचार्य द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया। उद्घाटन एवं समापन सत्र के साथ ही दोनों तकनीकी सत्रों का सफल संचालन आयोजन सचिव प्रोफेसर विनय श्रीवास्तव द्वारा किया गया। आमंत्रित अतिथियों एवं विषय विशेषज्ञों ने एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध सेमिनार को बेहद सफल बताते हुए विद्यार्थियों के सक्रिय  और रचनात्मक योगदान की प्रशंसा की।
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