सरकार चाहती है कि योजनाओं का लाभ लोगों को मिले और इसके लिए कार्य योजनाएं बनाकर उसे क्रियान्वित भी किया जा रहा है पर उन कार्य योजनाओ के क्रियावन्यन में मैदानी अधिकारी कर्मचारी किस प्रकार का पलीता लगा रहे हैं। इसकी एक बानगी हमें सुदूर वनांचल विकासखण्ड मैनपुर में देखने को मिल रहा है। गांव गांव के आंगनबाड़ी एवं स्कूलों में पानी पहुंचाने के उददेश्य से सरकार संजीता है लेकिन यह योजना लापरवाही के चलते दम तोड़ता नजर आ रहा है। मैनपुर विकासखंड के ग्राम कुहीमाल सहित अनेक गांवों में नल जल योजना के तहत पाईप लाईन का विस्तार कर सभी शासकीय भवनो में रनिंग वाटर सुविधा प्रदान की गई है। यहां आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों को शुद्घ पेयजल मिले इसकी चिंता करते हुए बोरिंग से रनिंग वाटर सिस्टम को स्वीकृति दी और जिम्मेदार विभाग ने भी बिना देरी किए ही इस सिस्टम को अमलीजामा पहना दिया और अपने कर्तव्यों से इति श्री कर लिया पर यह सुनिश्चित ही नहीं किया की बिना विद्युत के यह सिस्टम काम कैसे करेगा । आज कहीं कहीं आंगनबाड़ी और स्कूलों में रनिंग वाटर सिस्टम तो लग गया है पर कहीं क्षतिग्रस्त होकर पाइप फट चुकी है और कही कही विद्युत आपूर्ति के आभाव में वह सिस्टम शो पीस बनकर रह गया है।
कईयों आंगनबाड़ी में तो सिर्फ गांव के बोरिंग में रनिंग वाटर फिटिंग कर दिया गया है l