भिण्ड । राजीव गाँधी खेल स्टेडियम में 5 जनवरी रविवार को विकलांग बल के प्रदेश सचिव सौरभ बघेल एवं चंबल उपाध्यक्ष आशीन खान के नेतृत्व में आधा सैकड़ा से अधिक विकलांग जन ने माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सात सूत्रीय ज्ञापन विकलांग जन की समस्या निवारण हेतु देने आये थे लेकिन उनको ज्ञापन देने से वँचित किया गया पुलिस विभाग द्वारा समस्त विकलांग जन को निराश्रित भवन का गेट म बंद कर बैठा दिया गया इस अवसर पर विकलांग बल प्रदेश सचिव सौरभ बघेल एवं चंबल उपाध्यक्ष को पुलिस गाड़ी में बैठा ले गयी दोनों पदाधिकारीयों ने अनुरोध किया मुझे विकलांग हित में ज्ञापन देना है लेकिन कोई बात नही सुनी गयी पुलिस के द्वारा दोनों को गाड़ी में बैठा लिया गया बाद में जब मुख्यमंत्री साहब आ गए तब विकलांग बल के दोनों पदाधिकारियों को पुलिस द्वारा निराश्रित भवन में छोड़ा गया पुलिस अधिकारीयों के द्वारा एक सहानुभूति दिखाई गयी की आपका ज्ञापन हम किसी शासन के पदाधिकारी से दिला देते है, विकलांग जन का ज्ञापन लेने निराश्रित भवन में तहसीलदार साहब के द्वारा लिया गया, इस प्रकार से ज्ञापन लिया गया विकलांगजन असंतुष्ट एवं आक्रोश है।
ज्ञापन के माध्यम से विकलांग बल प्रदेश सचिव सौरभ बघेल से मुख्यमंत्री से कहा की माननीय जी आपको विदित ही होगा कि प्रदेश में विकलांगजनों की एक बड़ी संख्या है। यह समाज का सबसे अधिक वंचित और उपेक्षित वर्ग है। हम “विकलांग बल” (पंजीकृत संगठन) की ओर से विकलांगजनों की कुछ समस्याओं पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। आपसे विनम्र निवेदन है कि अपनी शक्तियों की सीमा में इनका शीघ्र समाधान करने की कृपा करें।
विकलांग जन की माँगे इस प्रकार है।
(1) मध्य प्रदेश में विकलांगजनों की मासिक पेंशन मात्र रु. 600 है। इतनी कम राशि में एक विकलांग का एक माह तक पेट भरना भी असम्भव है। अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति होना तो दूर की बात है। इसलिए आपसे अपेक्षा है कि इस पेंशन को रु. 3000 किया जाये, ताकि विकलांग कम से कम पेट भरकर खा सकें।
(2) मध्य प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए न्यूनतम अर्हता 50% अंकों की है। इस कारण बड़ी संख्या में विकलांग असफल हो जाते हो जाते है । अतः इस अर्हता को घटाकर 40% अंक किया जाये, ताकि अधिक विकलांगजन नौकरियों के लिए क्वालीफाई कर सकें।
(3) सरकारी नौकरियों में विकलांगजनों के लिए 6% स्थान आरक्षित होते हैं, परन्तु यह कोटा कभी पूरा नहीं भरा जाता। इसलिए प्रत्येक जिले में विकलांगजनों के लिए उपयुक्त पदों की पहचान करके उनको भरने के लिए विशेष निःशक्तजन भर्ती अभियान चलाया जाये।
(4) राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले विकलांग खिलाड़ियों को सरकारी कार्यालयों में रोजगार दिया जाए।
(5) संसद, विधानसभा और ज़िला पंचायतों में विकलांगजनों की आवाज़ उठाने वाला कोई नहीं होता। इसलिए प्रत्येक स्तर के चुनाव में 5 प्रतिशत स्थानों का आरक्षण विकलांगजनों के लिए किया जाये।
(6) विकलांगजनों की सबसे बड़ी समस्या शिक्षा प्राप्त करना है। सामान्य स्कूलों में उनकी पढ़ाई उचित प्रकार से नहीं हो पाती। इसलिए निवेदन है कि प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विकलांगों के लिए कम से कम 1000 सीटों वाला एक आवासीय स्कूल अवश्य खोला जाये, ताकि वे उत्तम शिक्षा प्राप्त कर सकें और देश के योग्य नागरिक बन सकें।
(7) विकलांग अधिनियम 2016 की हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी प्रत्येक छोटे-बड़े सरकारी कार्यालय में तथा निजी कार्यालयों में भेजकर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए, ताकि सभी लोग इस कानून में विकलांगजनों को दिये गये अधिकारों से अवगत हो सकें और उनका पालन कर सकें।
ज्ञापन देने के लिए मुख्यरूप से उपस्थित रहे अशीन खान विकलांग बल चंबल उपाध्यक्ष, अंतराष्ट्रीय खिलाडी गिर्राज भदौरिया, राजवीर बघेल, गजेंद्र कुशवाह, सचिव ब्रजेश शाक्य गोहद नगर अध्यक्ष सुदामा कुशवाह ,लहार नगर अध्यक्ष संजय कुमार फूप उपाध्यक्ष रामशेष बघेल, नवीन श्रीवास्तव ,भानुप्रताप दौहरे, संतोष चौरसिया, नन्द किशोरी बघेल, संगठन मंत्री करन गर्ग आरती राजावत, सिंटू यादव,कृष्णा प्रजापति महेंद्र बंटी नरवरिया आदि।