शाहरुख खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म पठान का गाना बेशर्म रंग रिलीज हो गया है। यह गाना रिलीज होने के बाद से ही फिल्म विवादों में है। विवाद हो भी क्यों नहीं, आखिर बॉलीवुड और इसके ज्यादातर कलाकारों ने भारत की सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ काम करने की कसम जो खा रखी है। फिल्म और कला के बहाने देश में नग्नता और सेक्सिज़म को बढ़ावा दिया जा रहा है। बॉलीवुड और इसमें फिल्म निर्माण से जुड़े ज्यादातर लोग देश के साथ-साथ हिंदू आस्थाओं को चोट पहुंचाने से जरा भी नहीं कतराते। पठान का बेशर्म रंग इस कड़ी का मात्र एक हिस्सा है। ऐसा लगता है कि भारत और इसकी संस्कृति को नष्ट करना ही बॉलीवुड का एकमात्र लक्ष्य है।
बेशर्म रंग गाने पर बवाल और कई सवाल
अगले वर्ष जनवरी में रिलीज होने वाली शाहरुख खान की फिल्म पठान अपना पहला गाना सामने आने के साथ ही विवादों में घिर चुकी है। यशराज बैनर के तले बनी इस फिल्म के गाने बेशर्म रंग में दीपिका पादुकोण ने भगवा रंग की बिकनी पहन रखी है। इस फिल्मांकन के चलते ही हिंदू संगठन गुस्से में हैं। अब देश में पठान को बॉयकाट करने की मांग उठ रही है। बॉलीवुड में हिंदू देवी-देवताओं और आस्थाओं के मजाक उड़ाए जाने की यह पहली घटना नहीं है। फिल्म ब्रह्मास्त्र में जूते पहनकर मंदिर की घंटी बजाने से लेकर पठान में भगवा को बेशर्म रंग कहने तक हाल-फिलहाल में ही विभिन्न हिंदू संस्कृति विरोधी हरकतें की गईं हैं। गाने में भगवा रंग के साथ अश्लील चित्रण कहीं न कहीं फिल्म बनाने वालों की मानसिकता को उजागर करता है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। दीपिका पादुकोण इससे पहले भी विवादों में रही हैं। जेएनयू में देश के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगने पर पूरा देश इससे आकोशित था तो दीपिका ऐसे नारे लगाने वालों के समर्थन में खड़ी थीं। साफ है कि दीपिका के लिए इस देश की अखंडता और हिंदू धर्म की अक्षुण्णता दोनों ही महत्वपूर्ण नहीं हैं