न्यायालयों को तीन माह में 25 चिह्नित प्रकरणों का निराकरण अनिवार्य रूप से करने के आदेश के खिलाफ वकील शुक्रवार को न्यायालयों में काम नहीं करेंगे। राज्य अधिवक्ता परिषद ने वकीलों से शुक्रवार को कार्य से विरत रहने का आह्वान किया है। इसके चलते इंदौर के सभी न्यायालयों में 15 हजार से ज्यादा प्रकरणों की सुनवाई प्रभावित होगी।
दरअसल, उच्च न्यायालय ने कुछ दिन पहले एक आदेश जारी कर न्यायालयों से कहा है कि वे 25 प्रकरण चिह्नित करें और उनका निराकरण तीन माह में करें। तीन माह की अवधि में इन प्रकरणों में से जिनका निराकरण नहीं हो पाएगा उन प्रकरणों को अगली तिमाही में शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन अगली तिमाही में इन प्रकरणों का निराकरण अनिवार्य रूप से करना होगा। इन्हें अगली तिमाही में शिफ्ट नहीं किया जा सकेगा। वकील इसी आदेश का विरोध कर रहे हैं
वकीलों ने किया विरोध
वकीलों का कहना है कि चिह्नित प्रकरणों के निराकरण में लगे रहने से न्यायालय का नियमित कामकाज प्रभावित हो रहा है। इंदौर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष गोपाल कचोलिया और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सूरज शर्मा ने शुक्रवार को वकीलों के न्यायालय में काम नहीं करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इंदौर के सभी न्यायालयों में शुक्रवार को कामकाज नहीं होगा।