संवाददाता हेमचंद नागेश कि रिपोर्ट
देवभोग :- लेकिन शासन प्रशासन के अधिकारी इतनी गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहे है। हाइवे का आलम यह है, कि देवभोग से लेकर गोहरापदर तक सड़क के निर्माणाधीन होने के कारण धूल के गुब्बार वाहनों के टायरों से उड़ते रहते हैं जिस कारण हाइवे पर राहगीरो का चलना मुश्किल हो गया है। वहीं धूल के गुब्बारों से परेशान राहगीर भी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए नजर आ रहे है। राहगीरों के साथ ही दुपहिया वाहन चालकों की माने तो हाइवे पर धूल के गुब्बार के कारण दो माह से चलना मुश्किल हो गया है। कई बार नेशनल हाईवे विभाग के अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। वहीं समस्या का समाधान करने के लिए प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी भी रूचि नहीं ले रहे है, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को बीमार होकर भुगतना पड़ रहा है। धूल के कारण वाहन चालकों को हो रहे हैं नेत्र रोग-हाइवे पर धूल के गुब्बार की हालत यह हो गई है कि वाहनों के टायरों से धिस धिस कर मिट्टी रज बन गई है। जिसके कारण हाइवे पर चलना मुश्किल हो गया है। अब हालत यह है कि वाहन ही नहीं हल्के हवा के झौंका से ही धूल का गुब्बार उड़ने लगता है, जो ग्रामीण राहगीरों को बीमार कर रहा है। जिसका अत्यधिक प्रभाव एलर्जी के तौर पर देखने मिल रहा है। मामले में देवभोग बीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार रेड्डी ने बताया कि धूल से एलर्जी, सर्दी खासी की बीमारी, दमा की बीमारी होने की संभावना बनी रहती है। वहीं नेत्र रोग होने की संभावना भी बने रहने की बात बीएमओ ने कही है। पानी का छिड़काव नहीं होने से हो रही परेशानी-निर्माण एजेंसी की जिम्मेदारी है कि पानी का निरंतर छिड़काव कर सड़क निर्माण में उठने वाले जानलेवा धूल से बचाव सुनिश्चित करे। लेकिन निर्माण एजेंसी पानी का छिड़काव ना कर आमजनों की परेशानी बढ़ा रही है। वहीं हाईवे पर उठ रहा धूल कई गॉव के लोगों के जान से खिलवाड़ कर रहा है, प्रशासन के जिम्मेदार दावा कर रहे है कि निर्माणाधीन हाईवे पर पानी का छिड़काव करने ठेकेदार को निर्देशित किया जा रहा है। लेकिन हाईवे पर पानी का छिड़काव ना कर ठेकेदार खुलेआम प्रशासन के दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है, ऐसे में सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या निर्माण एजेंसी के रसूख के आगे प्रशासन के लिए आमजनों की जिंदगी की कोई क़ीमत नहीं है, आखिर विभाग में बैठे जिम्मेदारों के हाथ भी कार्रवाई करने से क्यों काँप रहे है। यह सवाल भी जिम्मेदार अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करता है। पूर्व संसदीय सचिव ने घेरा-पूर्व संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी ने नेशनल हाईवे विभाग के अधिकारियों पर ठेकेदार को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। पूर्व विधायक ने कहा कि पहले तो नाली निर्माण के दौरान उसमें पानी नहीं डाला गया। उसके विषय में मैंने कलक्टर को अवगत करवाया, लेकिन इसके बाद भी ठेकेदार ने पानी की तराई करने में रूचि नहीं दिखाया, वहीं निर्माणाधीन सड़क में भी पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है, विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी मौन है। श्री मांझी ने कहा कि नेशनल हाईवे विभाग में चल रहे लापरवाही को लेकर जल्द ही वे केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे और किये जा रहे घटिया और स्तरहीन जाँच की मांग भी करेंगे।