सूचना अधिकार अधिनियम 2005 का 17 वर्ष पूरे होने के अवसर पर सूचना अधिकार रक्षा मंच, हजारीबाग ने पुराना समाहरणालय में गुरुवार को मांग दिवस मनाया। सचिव गणेश कुमार सीटू ने कहा कि सूचना की मांग करने वाले आरटीआई का अर्थ सूचना प्राप्त करने का राइट टू इनफार्मेशन समझते हैं। जबकि सूचना देने वाला तबका इसका मतलब राइट टू इग्नोर समझता है जो सरासर गलत है। झारखंड में सूचना आयुक्तों की पद 2011 से ही कई पद खाली है लेकिन 2018 के बाद राज्य सूचना आयोग का 10 सूचना आयुक्त एवं एक मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली है जिसके कारण राज्य सूचना आयोग में 50,000 से अधिक अपील सुनवाई के लिए लंबित है। जिससे आरटीआई कार्यकर्ता मायूस होकर द्वितीय अपील करना ही छोड़ दिया। इसके कारण अधिकारियों में इस कानून का कोई भय नहीं है। इस कार्यक्रम के माध्यम से मंच ने सरकार से मांग की है कि तत्काल सूचना आयुक्तों का रिक्त पद तत्काल भर कर लम्बित अपीलों की सुनवाई करने की मांग राज्य सरकार से की है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाजपा जिला मंत्री नंदलाल प्रसाद मेहता, आजसू नेता विजय कुमार वर्मा, कांग्रेस नेता संजय तिवारी, राजू चौरसिया सीपीआई के नेता महेंद्र राम, शौकत अनवर राजू, सीपीएम के नेता ईश्वर महतो, तपेश्वर राम, विपिन कुमार सिन्हा, विजय मिश्रा, चितरंजन गुप्ता, पंकज कुमार दास, मुखलाल प्रसाद मेहता, अनिल कुमार, तेज नारायण राम, नरेंद्र प्रसाद, नंदकिशोर राणा, धनेश्वर पासवान, राजेश मेहता आदि शामिल थे