अडाणी के बाद हिंडनबर्ग के निशाने पर अमेरिकी कंपनी:जैक डॉर्सी की ब्लॉक इंक पर फ्रॉड के आरोप, नेटवर्थ 4 हजार करोड़ रुपए कम हुई

  • Mar 24, 2023
  • Pushpanjali Today

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अमेरिका की शॉर्टसेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप के बाद अब ट्विटर के को-फाउंडर जैक डॉर्सी की कंपनी 'ब्लॉक Inc' के खिलाफ गुरुवार (23 मार्च) को एक रिपोर्ट जारी की है। हिंडनबर्ग ने इस रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि डॉर्सी की पेमेंट कंपनी ब्लॉक इंक ने अपने कंज्यूमर्स और सरकार के साथ फ्रॉड किया है।

हिंडनबर्ग ने 2 साल की इन्वेस्टिगेशन के बाद ये रिपोर्ट पब्लिश की है। रिपोर्ट में ये कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान फ्रॉड के कारण ब्लॉक के शेयरों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी गई। इसके बाद जैक डॉर्सी और टॉप एग्जीक्यूटिव जेम्स मैककेल्वे ने कलेक्टिवली 1 बिलियन डॉलर यानी करीब 8 हजार करोड़ रुपए के शेयर के स्टॉक बेच दिए।

वहीं हिंडनबर्ग ने कहा, ब्लॉक इंक जिन लोगों की मदद करने का दावा करती है, कंपनी ने सिस्टमैटिक​ रूप से​​​​​​ उन्हीं लोगों का फायदा उठाया है। ब्लॉक इंक ने अपने यूजर्स की संख्या भी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई है। कंपनी ने एक्टिव यूजर्स का मेट्रिक्स फर्जी अकाउंट्स से भर दिया। साथ ही कंपनी ने ऐप पर यूजर्स लाने में किए गए खर्च को काफी कम करके बताया है।

ब्लॉक इंक के शेयर में करीब 15% की गिरावट
हिंडनबर्ग ने कहा कि उसने ब्लॉक के शेयरों में शॉर्ट-पोजिशन ले रखी है, यानी उसने कंपनी के शेयरों में गिरावट पर दांव लगाया है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ब्लॉक इंक के शेयर में करीब 15% की गिरावट देखने को मिली है। हिंडनबर्ग ने कहा, केवल फंडामेंटल बेसिस पर, हम ब्लॉक के शेयरों में 65% से 75% के बीच गिरावट देखते हैं।

डॉर्सी की नेटवर्थ में 4 हजार करोड़े रुपए की गिरावट
शेयरों में गिरावट के कारण डॉर्सी की नेटवर्थ में 52.6 करोड़ डॉलर यानी करीब 4 हजार करोड़ रुपए की गिरावट आई है, जो मई के बाद से एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। ब्लूमबर्ग इंडेक्स के अनुसार, 11% की गिरावट के बाद अब उनकी नेटवर्थ 4.4 बिलियन डॉलर है।

सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने वालों की मदद की
हिंडनबर्ग के अनुसार पेमेंट कंपनी ब्लॉक ने कोविड के दौरान फर्जीवाड़ा करके सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने वालों की मदद की। सबसे बड़ी गड़बड़ी ये रही कि कंपनी के कैश ऐप ने कई लोगों को एक ही अकाउंट में सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता लेने दी।

जैक डॉर्सी ने ब्लॉक इंक को 2009 में बनाया था। यह कंपनी मर्चेंट्स और कंज्यूमर्स के लिए पेमेंट और मोबाइल बैंकिंग सर्विसेस प्रोवाइड करती है। इस कंपनी को पहले स्क्वायर के नाम से जाना जाता था। ब्लॉक इंक का मार्केट कैप 44 बिलियन डॉलर यानी 3.61 लाख करोड़ रुपए है

रिपोर्ट में भारतीय मूल की अमृता आहूजा का भी नाम
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में भारतीय मूल की अमृता अहूजा का नाम भी लिया गया है। अमृता ब्लॉक इंक की चीफ फाइेंशियल ऑफिसर यानी CFO हैं। उन पर भी ब्लाक इंक के शेयरों में लाखों डॉलर की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। अमृता की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वह पिछले चार साल और तीन महीने से ब्लॉक इंक के साथ हैं। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक उनके माता-पिता भारतीय प्रवासी हैं जिनका क्लीवलैंड में एक डे-केयर सेंटर है।

अमृता ने अपने करियर की शुरुआत साल 2001 में मॉर्गन स्टेनली के साथ एक बैंकर के तौर पर की। साल 2019 में वो ब्लॉक इंक के साथ जुड़ीं। इससे पहले, अमृता वॉल्ट डिजनी कंपनी और एक्टिविजन ब्लिजार्ड जैसी कंपनियों में स्ट्रैटजी और फाइनेंस के रोल्स में काम कर चुकी हैं। उन्होंने वीडियो गेम बनाने वाली कंपनी एक्टिविजन ब्लिजार्ड के साथ काम करते हुए कॉल ऑफ ड्यूटी, कैंडी क्रश, वर्ल्ड ऑफ वॉरक्राफ्ट जैसे गेम्स तैयार किए।

जैक डॉर्सी की पेमेंट फर्म से जुड़ी 4 बातें

  1. जैक डॉर्सी ने फर्म को स्क्वायर नाम से 2009 में लॉन्च किया था। फर्म क्रेडिट कार्ड रीडर प्रोवाइड करती थी। इसे मोबाइल फोन में प्लग किया जा सकता था। इसने पेमेंट करने के लिए टैबलेट कंप्यूटरों का पॉइंट-ऑफ-सेल सिस्टम के रूप में इस्तेमाल संभव बनाया।
  2. 2013 में स्क्वायर कैश को मोबाइल सर्विस पेमेंट कंपनी वेनमो के कॉम्पिटिटर के रूप में लॉन्च किया गया था। बाद में इसका नाम बदलकर कैश ऐप कर दिया गया। इसका इस्तेमाल ग्राहक फंड ट्रांसफर करने के लिए कर सकते थे।
  3. 2014 में कंपनी ने शॉर्ट टर्म लोन की सर्विस शुरू की और 2017 में स्क्वायर ने कैश कार्ड पेश किया। यह एक प्रीपेड डेबिट कार्ड था। 2018 में, कैश ऐप ने यूजर्स को प्लेटफॉर्म पर बिटकॉइन में ट्रेड करने की सर्विस दी। अगले साल, कंपनी ने फ्री स्टॉक ट्रेडिंग की सुविधा जोड़ी।
  4. 2021 में 30 बिलियन डॉलर में ऑस्ट्रेलिया के आफ्टरपे का अधिग्रहण करने के बाद कंपनी ने बाय नाउ पे लेटर का ऑप्शन जोड़ा। उसी साल दिसंबर में स्क्वायर का नाम ब्लॉक के रूप में रिब्रांड किया गया।

हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप पर लगाया था स्टॉक मैनिपुलेशन का आरोप
ब्लॉक इंक से पहले हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी। करीब 2 महीने पहले 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी ग्रुप के शेयरों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला था। हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया था।


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Nil Kumar

Columnist

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका

राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक

कमल राठौर साहिल शिवपुर मध्य प्रदेश

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आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका,स्वरचित मौलिक