*भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर*
संवाददाता हेमचंद नागेश कि रिपोर्ट
छुरा। गरियाबंद जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र छुरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पाठसिवनी में निवासरत गांव में सबसे गरीब लगभग 50 वर्षीय हरवंश सिग स्कूल के बाहर मेन रोड के बगल एक झोपड़ी बनाकर रह रहे थे तभी रास्ते से गुजर रहे जिले के इंडियन रेड क्रॉस रक्षक सदस्य, समाजसेवी मनोज पटेल ने इस भीषण गर्मी में उनके विषम परिस्थिति को देखकर उनसे पूछने पर बताया कि डेढ़ माह पहले आग से उनकी झोपड़ी के साथ-साथ राशन कार्ड,आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड उनके कपड़े और सभी दैनिक जीवन में होने वाले उपयोगी समान जलकर राख हो गया. अब की स्थिति में गांव के नागरिक होने अपने आप को साबित करने के लिए कोई सबूत भी नहीं बचे हैं. वे अपने दैनिक जीवन एक पेड़ के नीचे बिता रहा है. जैसे खाना बनाना व खाना ग्रहण भी पेड़ की छाव में करते हैं।
विडंबना लेकिन जिम्मेदार अधिकारी उनकी सुध लेने भी नहीं पहुंचे। समाजसेवी मनोज पटेल व रेखराम ध्रुव ने ऐसे जरूरतमंदों को पहली प्राथमिकता दे शासन प्रशासन से अपील किए।