शिवपुरी- अभी हाल ही मैं कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री द्वारा शिवहरे समाज के कुल देवता भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के खिलाप अपशब्द बोले गया थे जिसके खिलाफ शिवहरे समाज के प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी विपिन शिवहरे ने बताया कि वैसे तो हम सभी संतो महापुरुषों का हमेशा से सम्मान करते रहे हैं लेकिन व्यास पीठ पर बैठकर जिस शब्दावली का प्रयोग करते हुए और जिस अंदाज में धीरेंद्र शास्त्री जी ने हमारे आराध्य हमारे कुल देवता भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन जी के चरित्र पर दोषारोपण किया है वह तथ्य हीन हैं और पूरी तरह से निराधार हैं जिनकी संवैधानिक रूप से कोई प्रमाणिकता नहीं है,इस हिसाब से उनके कथन पूरी तरह से अवैध हैं क्योंकि हमारे पवित्र संविधान में शास्त्रों कि कोई वैधता नहीं है सभी शास्त्र लिखने वाले पंडितों ने ही लिखे हैं और अपने हिसाब से जिसे चाहा भगवान बना दिया और जिसे चाहा खलनायक बना दिया, धीरेंद्र शास्त्री इस हिसाब से बाबा नहीं किसी राजनीतिक पार्टी के एजेंट लगते हैं, और उन्होंने राजनीतिक लाभ लेने और किसी समुदाय विशेष को श्रेष्ठ साबित करने और हमारे आराध्य एवं समाज को नीचा दिखाने की मंशा और बुरा सिद्ध करने के उद्देश्य से यह घृणित कृत्य किया है, इससे हमारे समाज के लोगों में बहुत ज्यादा आक्रोश उत्पन्न हो गया है, अतः उनका कथन अपराधिक कृत्य है, हमारी मांग है *जिस हिसाब से उन्होंने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर बयान जारी किया है उसी तरह उनको भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन जी एवं उनके देश विदेश में रह रहे भक्तों से माफी वीडियो के माध्यम से मांगना चाहिए और वीडियो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक करना चाहिए* हमारी यही मांग है। अन्यथा हम लोग उनकी कथाओं का बहिष्कार करेंगे और जब तक वह माफी नहीं मांगते आंदोलन जारी रखेंगे वह झूठे हैं एवं राजनीति से प्रेरित हैं क्योंकि भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन केवल हमारे समाज ही नहीं पूरे हिंदू समाज के आराध्य देवता हैं, कलार समाज के अलावा ताम्रकार समाज भी हमारे ही वंश के भाई हैं और यदुवंशी भी हमारे ही वंश के भाई हैं, हम लोग तो उनको पूजते ही हैं इसके अलावा देश के विभिन्न प्रांतों में उनके मंदिर बने हुए हैं और हिंदू समाज के अलावा अन्य धर्मावलंबी भी उनके आगे श्रद्धा से शीश झुकाते हैं इसलिए हमने *समाज के आजीवन संरक्षक डॉ रामकुमार जी शिवहरे जिला अध्यक्ष श्री रविंद्र शिवहरे महिला जिला अध्यक्ष श्रीमती सीमा शिवहरे एवं युवा जिला अध्यक्ष भागीरथ जी के नेतृत्व में* एसपी साहब से ज्ञापन के माध्यम से उनके खिलाफ भारतीय संविधान की विभिन्न धाराओं के तहत एफ आई आर दर्ज करवाने व माफी ना मांगने की स्थिति में उनको सजा दिलवाने की मांग की है जिससे इस तरह के दोषारोपण फिर कोई भी कथावाचक व्यास पीठ जैसी पवित्र जगह पर बैठकर ना लगाएं जिससे व्यासपीठ की मर्यादा बनी रहे क्योंकि हम हिंदू धर्म को मानने वाले लोग हैं और व्यासपीठ का विशेष सम्मान भी करते हैं।