खबर का असर : बीस बरस बाद राहत के पल : छुटी पांव की रस्सी , अब होगा उपचार

  • May 05, 2023
  • Lekhraj Chakradhari Gariyaband

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संवाददाता हेमचंद नागेश कि रिपोर्ट


गरियाबंद। बीस वर्षों से रस्सी में बंधी जिंदगी : राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र भुंजिया परिवार की दयनीय दशा , बुधवार 3 मई को प्रसारित हमारी इस खबर पर जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्काल संज्ञान लिया गया है। अब लगता है कि कोपेकसा पंचायत अंतर्गत सुखरी डबरी के महेश की जिंदगी में राहत के कुछ पल आयेंगे। आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा महेश को उसके परिजनों के साथ जिला अस्पताल उपचार के लिये लाया गया है।





विदित हो जिले के कोपेकसा पंचायत के आश्रित गांव सुखरी डबरी के महेश नेताम को पिछले बीस वर्षो से रस्सी में बांधकर रखा गया था। पिछले कई वर्षों से विशेष पिछड़ी अनुसूचित जनजाति के भुंजिया समुदाय के गरीब परिजन उसका समुचित इलाज कराने में असमर्थ थे। माना जा रहा था कि महेश मानसिक रोगी है। किन्तु आज जिला अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने महेश की प्रारंभिक जांच के बाद बताया कि महेश मानसिक रोगी नही है।बल्कि उसके दिमाग का पूरा विकास नही हो पाया है। डॉ राजेन्द्र बिनकर तथा बीएमओ डॉ बी बारा ने इस प्रतिनिधि को बताया कि महेश का सिर सामान्य व्यक्तियों की अपेक्षा छोटा है जिसकी वजह से उसका मानसिक विकास ठीक ढंग से नही पाया। इसके अलावा बचपन से उसे मिर्गी के झटके आते हैं।


माँ की भी जांच


हमने अपनी खबर में महेश की माँ अघनी बाई के स्वास्थ्य के सम्बंध में भी लिखा था। डॉ बिनकर ने आज अघनी बाई की भी जांच की , और उसके उचित इलाज का भी आश्वसन दिया है।

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