संवाददाता हेमचंद नागेश कि रिपोर्ट
गरियाबंद विकासखंड के ग्राम मैनपुर के चार वर्षीय मासूम लक्ष्मीकांत नागेश पिता कामता नागेश जो जन्म से ही आंख की बीमारी मोतीबिन से ग्रसित है जिसका दोनों आंखों का ऑपरेशन पांच माह की उम्र में ही रायपुर के एक निजी अस्पताल में करवाया गया परंतु बच्चा अभी भी पूर्णता देख नही पा रहा है इनके दोनों आंखों का पुतली हमेशा गोल-गोल घूमता रहता है और आंख में तकलीफ के कारण लक्ष्मीकांत तिरछा तिरछा चलता है बच्चे के भविष्य के बारे में सोच-सोच कर पिता कामता नागेश के आंख से आंसू निकल गया और बताया कि नेत्र रोग विशेषज्ञ के बताये अनुसार यदि इनके दोनों आंखों में लेंस लगने से बच्चे का आंख ठीक हो सकता है और पूर्णता देखने में सक्षम हो जाएगा। लक्ष्मीकांत के बारे में गरियाबंद जिले के इंडियन रेड क्रॉस संरक्षक सदस्य मनोज पटेल व समाजसेवी भीम निषाद को जानकारी होते ही उनके घर मुलाकात करने पहुंचे और हकीकत जाना तो पता चला कि परिवार वालों की आर्थिक स्थिति ठीक नही होने के चलते बेटे के इलाज नहीं करा पा रहे है, यदि शासन प्रशासन से मुझे मदद मिल जाए तो बेटे का आंखों की रौशनी आ जाएगी जिससे मेरा बेटा अपनी पढ़ाई लिखाई कर अपना भविष्य गढ़ सकेंगे। उनकी समस्याओं को शासन प्रशासन तक पहुंचाने साथ ही जिले के स्वास्थ्य अधिकारी के सी उराव जी से पीड़ित परिवारों के बच्चे की आंखों में रौशनी लाने मदद करने समाजसेवियों ने अपील किया।