अतिक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बनी लक्ष्मण रेखा साबित हो रही दिखावा,नगर परिषद देवेंद्र नगर की कार्यवाही हुई फुस्स
बीते दिनों नगर की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था और पैर पसारते अतिक्रमण को लेकर स्थानीय पत्रकारों द्वारा खबरों के माध्यम से नगरीय प्रशासन को जगाने का प्रयास किया गया था जिस पर नगर परिषद देवेंद्र नगर के सीएमओ दिनेश जडिया द्वारा सलेहा रोड,पन्ना रोड,सतना रोड पर चूने की लाइन बना कर अतिक्रमणकारियों को सख्त हिदायत दी थी की इस लाइन के अंदर ही अपना व्यापार और उपयोग सीमित रखें जिस पर कुछ संजीदा खबरनविशों ने इसे लक्ष्मण रेखा की संज्ञा देते हुए नगर परिषद का महिमामंडन किया था और ऐसा आभा मंडल बनाने का प्रयास किया था की मानो नगर परिषद के द्वारा किए गए महान कार्यों में से एक था,पर चाटुकारिता की जमीन पर बने इस महिमा मंडन के घर का इतनी जल्दी और इतना बुरा हाल होगा नगर की जनता ने सोचा भी न होगा।
लक्ष्मण रेखा के खींचते,और सीना चौड़ा कर के वाहवाही लूटने नगरीय प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए दूसरे दिन से ही अतिक्रमण ने वापस पैर पसार लिए है और जाम की स्थिति पुनः निर्मित होने लगी है,लेकिन मजाल जो फोटो सेशन में आगे खड़े होने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को ये नजारा दिखे!
जब से नगर परिषद में नवीन कार्यकारणी का आगमन हुआ है तब से जनता ने आश की थी की अब नगर की समस्याएं दूर होंगी पर शायद ये एक सपना ही रह जायेगा नगर वासियों के लिए, क्योंकि जिस सुधार की उम्मीद से लक्ष्मण रेखा खींची गई थी उसकी एक दिन में ही ये दुर्दशा हो जायेगी किसी ने सोचा भी न था।
नगर परिषद के जिम्मेदारों को इस विषय में गंभीरता से सोचने की जरूरत है की नगर के विकाश के लिए यदि आपसी स्वार्थ को दरकिनार करना पड़े तो करना होगा कड़े निर्णय लेने होंगे वरना जनता वर्तमान देख कर भविष्य का पूर्वानुमान लगाने में देर न करेगी।
और रही हमारे सीएमओ साहब की बात तो उनसे जब इस बारे में पूछा गया तो बगलें झांकते नजर आए,वैसे भी इनकी एक आदत प्रसंसनीय है की काम जो कहा जाए मना करते नही है और वो काम होता भी नही है तो हुआ न एक तीर से दो शिकार दोनो पक्ष खुश।
वैसे भी बिना किसी को नाराज किए दोनो पक्षों को खुश रखने की कला भी सब में नहीं होती,लाखों में एक होते है बिरले