मनुष्य को भोजन को भजन एवं प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए-श्रीजी प्रिंयका शास्त्री
दबोह-
नगर दबोह के समीप ग्राम धौरका में 29 कुण्डीय श्री राधाकृष्ण महायज्ञ सर्वजातिय सामूहिक कन्या विवाह महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ एवं संत प्रवचन प्रारम्भ।यज्ञ में कथा के प्रथम दिवस श्रीजी प्रियंका शास्त्रीजी ने श्रीमद् भागवत महापुराण की अमृत वर्षा से कृतारित किया।श्रीजी प्रियंका शास्त्रीजी ने श्रीमद् भागवत महात्म्य के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है।सत्संग के बिना विवेक उत्पन्न नहीं हो सकता और बिना सौभाग्य के सत्संग सुलभ नहीं हो सकता श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं।मनुष्य अपने जीवन में सातों दिवस को किसी ने किसी देवता की पूजा अर्चना करता है लेकिन मानव जीवन में आठवां दिवस परिवार के लिए होता है।कथा व्यास श्रीजी प्रिंयका शास्त्री ने विस्तार से बताया जीवन में भजन और भोजन में अंतर बताते हुए कहा कि भजन में कोई मात्रा नहीं होती भजन करने से मानव का मन सीधा ही प्रभु से जुड़ जाता है।उसी प्रकार भोजन में मात्रा होती है,मनुष्य को भोजन को भजन एवं प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए।श्रीजी प्रिंयका शास्त्री द्वारा कथा वाचन के दौरान कहा गया कि इस कलयुग में केवल भोलेनाथ ही शीघ्र भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं केवल 3 महीने भोलेनाथ की भक्ति करने से मनुष्य के सब कार्य सिद्ध हो जाते हैं।प्रथम दिन की कथा के समापन से पूर्व आरती की गई,आरती करने के पश्चात उपस्थित श्रद्धालुओं ने भण्डारा प्रसाद का ग्रहण किया।इस दौरान यज्ञ प्रबंधक चंद्रशेखर कुशवाहा भगत जी ने बताया महायज्ञ के दौरान सुबह 07 से 11बजे तक यज्ञ हवन आदि, दोपहर 12 बजे से 03 बजे तक प्रवचन तथा 03 बजे से शाम 07 बजे तक श्रीमदभगवत कथा आयोजित की जाएगी शाम 07 बजे से भण्डारा तथा रात्रि 09 बजे से श्रीरामलीला का आयोजन किया जायेगा।इस दौरान यज्ञाचार्य शिवम् शास्त्री श्रीधाम वृंदावन,यज्ञ परीक्षत बब्बूराजा गुर्जर (गोटिया) कथा परीक्षत सुनीता-अनुरूध सिंह गुर्जर(बड़ेलला) को सौभाग्य प्राप्त हुआ एवं समस्त क्षेत्रवासियो ने सहयोग किया।