रिपोर्टर - प्रतीश अग्रवाल
पुष्पांजलि टुडे
मधुसुदनगढ़-: मधुसुदनगढ़ नगर में हालात ये है कि यहां नियम तो बनते है लेकिन ज्यादा दिन नहीं चलते हैं। कहने को तो नगर में बहुत नेता हैं।नेतागिरी पर सब अपनी अपनी रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं। किसी भी नेता एवं प्रशासनिक अधिकारियों को आम जनता की कोई फिक्र नहीं है। नियम ये था कि सुबह दस बजे से रात दस बजे तक ट्रैक्टर ट्रॉली एवं बस नगर में नही आएंगी लेकिन ये नियम सिर्फ चार से पांच दिन चला आलम ये है की भरी गर्मी में महिलाओं एवं बच्चो को पैदल चल कर एक किलोमीटर की दूरी तय करके अपने अपने मुकाम पर आना पड़ता है। पुलिस अधिकारियों ने भी अपना काम किया वो भी सिर्फ शुरू के दो चार दिन उसके बाद स्थिति वही हो गई ट्रेक्टर भी बाजार में आते हैं। जाम भी लगता है। नियम के ना ही पुलिस प्रशासन ने ध्यान दिया ना ही नगर परिषद के अधिकारियों ने ध्यान दिया। ये सब हालतों को देखते हुए तो यही लगता है की सब शासन प्रशासन बिका हुआ है।