जो भक्तों के पापों का हरण कर ले वही हरि-श्रीजी प्रियंका शास्त्री
दबोह-
नगर दबोह के समीप ग्राम धौरका में 29 कुण्डीय श्री राधाकृष्ण महायज्ञ सर्वजातिय सामूहिक कन्या विवाह महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ एवं संत प्रवचन प्रारम्भ, यज्ञ में कथा के छंटवे दिवस श्रीजी प्रियंका शास्त्रीजी ने श्रीमद् भागवत महापुराण की अमृत वर्षा से भक्तो कृतारित किया श्रीजी प्रियंका शास्त्रीजी ने भक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिसका कोई नहीं है उसके भोलेनाथ हैं शायद यही वजह है कि भूत और प्रेतों को भी भोलेनाथ अपनी शरण में रखते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि वह अपने गले में नाग, जटा में गंगा, सिर पर चंद्रमा और हाथ में त्रिशूल-डमरू क्यों धारण करते हैं तो आइए पौराणिक कथाओं में वर्णित हैं कथाओं के अनुसार महाराज भागीरथ ने अपने पूर्वजों को जीवन-मरण के दोष से मुक्त करने के लिए गंगा का पृथ्वी पर लाने के लिए कठोर तप किया इससे मां गंगा प्रसन्न हुईं और वह पृथ्वी पर आने को तैयार हो गईं। लेकिन उन्होंने भागीरथ से कहा कि उनका वेग पृथ्वी सहन नहीं कर पाएगी और रसातल में चली जाएगी यह सुनकर भागीरथ ने भोलेनाथ की आराधना की शिव उनकी पूजा से प्रसन्न हुए और वरदान मांगने को कहा तब भागीरथ ने उनसे अपने मनोरथ कहा इसके बाद जैसे ही गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई तो भोलेनाथ ने उनका अभिमान चूर करने के लिए उन्हें अपनी जटाओं में कैद कर लिया कथा व्यास श्रीजी प्रिंयका शास्त्री ने बताया कि सतयुग के दौरान अवधपुरी में राजा उत्तानपद राज किया करते थे उनकी बड़ी रानी का नाम सुनीति था और उनके कोई संतान नहीं थी देवर्षि नारद रानी को बताते हैं कि यदि तुम दूसरी शादी करवाओगी तो संतान प्राप्त होगी रानी अपनी छोटी बहन सुरुचि की शादी राजा से करवा देती है कुछ समय बाद सुरुचि को एक संतान की उत्पत्ति होती हैbजिसका नाम उत्तम रखा उसके कुछ दिनों के बाद बड़ी रानी भी एक बालक ध्रुव को जन्म देती है 5 वर्ष बाद जब राजा उत्तम का जन्म दिन मना रहे थे तो बालक ध्रुव भी बच्चों के साथ खेलता हुआ उनकी गोद में बैठ गया, जिस पर सुरुचि उठा देती है और उसे कहती है कि यदि अपने पिता की गोद में बैठना है तो अगले जन्म तक इंतजार कर बालक ध्रुव यह बात चुभ जाती है और वह वन में जाकर कठिन तपस्या करने लगते हैं उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उन्हें दर्शन देते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान देने का वचन देते है इस प्रसंग से यह शिक्षा मिलती है कि किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए और प्रभु की भक्ति में कोई विघ्न नहीं डालना चाहिए कथा के बीच-बीच में और भजन भी सुनाए गए भजनों पर श्रद्धालु झूम उठें इस दौरान यज्ञ प्रबंधक चंद्रशेखर कुशवाहा भगत जी समस्त क्षेत्रवासिओ से अपील की 29 कुण्डीय श्री राधाकृष्ण महायज्ञ सर्वजातिय सामूहिक कन्या विवाह महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ एवं संत प्रवचन आप सभी सनातन धर्म प्रेमी श्रद्धालु भक्तों को यह जानकर पर हर्ष होगा कि सुश्री प्रियंका शास्त्रीजी के मुखारविन्द से "श्रीमद् भागवत महापुराण" की अमृत वर्षा संत प्रवचन एवं राम कथा का आयोजन किया जा रहा है आप सभी भक्तजनों एवं श्रद्धालुओं से आग्रह है कि इस पुण्य अवसर पर निम्न कार्यक्रमानुसार सपरिवार एवं इष्ट मित्रों सहित उपस्थित होकर ज्ञानार्जन एवं पुण्य के भागी बनें तथा कार्यक्रम को सफल बनाए आप सभी सादर आमंत्रित है इस दौरान यज्ञाचार्य शिवम् शास्त्री श्रीधाम वृंदावन,पूर्व विधायक रसाल सिंह, वरिष्ठ नेता रामकुमार महाते, राजेंद्र सिंह गुर्जर, बालजी गुर्जर, राजभईया गुर्जर, शिवम् गुर्जर,यज्ञ परीक्षत बब्बूराजा गुर्जर (गोटिया) कथा परीक्षत सुनीता अनुरूध सिंह गुर्जर ( बड़ेलला) एवं समस्त क्षेत्रवासियो मौजूद रहे।