पुष्पांजली टुडे न्यूज
600 सौ करोड़ रूपये कमीशन की भेंट चढ़ गए
भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविन्द सिंह ने कहा है, कि प्रदेश में आजीविका मिशन भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है, स्कूली छात्रा/छात्राओं को स्व- सहायता समूह के नाम पर अधिकारियों एवं ठेकेदारों की सांठ गांठ से घटिया ड्रेस स्कूलों में वितरित कर दी गई । विगत तीन वर्षों में स्कूल ड्रेस के नाम पर 600 करोड़ रूपये कमीशन की भेंट चढ़ गए ।
नेता प्रतिपक्ष डॉ सिंह ने कहा कि पाॅवरलूम से कपड़ा खरीदकर महिला स्व- सहायता समूहों से ड्रेस सिलवानी थी, किन्तु सरकारी मशीनरी ने ऐसा न कर कमीशनखोरी के चक्कर में घटिया स्तर की एवं सस्ती रेडीमेड ड्रेस खरीदकर समूहों के माध्यम से वितरित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यह कमीशन का खेल काफी लंबे समय से चल रहा है, स्कूल ड्रेस के संबंध में सदस्य एन.पी. प्रजापति द्वारा लाई गई ध्यानकर्षण सूचना पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने विधानसभा में घोषणा की थी कि स्कूल ड्रेस की राशि सीधे बच्चों के खातों में डाली जायेगी। एक वर्ष तक यह राशि डाली भी गई किन्तु ड्रेस सप्लायर माफियाओं के सामने सरकार नतमस्तक हो गई और उन्हीं माफियाओं के दबाव में विधानसभा में की गई घोषणा को पलट दिया गया । डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि गौरतलब बात यह कि महिला स्व- सहायता समूहों की आड़ में कमीशन का खेल खेला जा रहा है। डाॅ. सिंह ने यह भी कहा कि पोषण आहार में भी इसी तरह से समूहों के नाम बड़ा घोटाला किया गया है। उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन में भ्रष्टाचार किया जा रहा है, इसके सरगना सी.ई.ओ. बेलवाल है। इनके काले कारनामों की जांच आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या ने की और शासन को सौंपी जांच रिपोर्ट में ललित मोहन बेलवाल दोषी पाये गये, किन्तु उनके विरूद्ध कार्यवाही करने की बजाय जांचकर्ता महिला अधिकारी को प्रताड़ित किया जा रहा है। एक ओर राज्य सरकार द्वारा लाड़ली बहना योजना में नारी के उत्थान की बात की जा रही है। वहीं जांचकर्ता महिला अधिकारी को प्रताड़ित कर, अपमान किया जाकर भ्रष्ट सीईओ जो लंबे समय से संविदा पर पदस्थ है,को बचाकर भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ सिंह ने स्कूल ड्रेस घोटाले एवं आजीविका मिशन के काले कारनामों की सीबीआई से जांच कराने, सीईओ बेलवाल को तत्काल हटाये जाने एवं स्कूल ड्रेस की राशि हितग्राहियों के बैंक खाते में सीधे डालने की मांग की है।