बड़ागांव के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेंद्र प्रजापति द्वारा बताया गया कि- इस दिवस को मनाने का उद्देश्य तंबाकू के खतरों के बारे में ग्रामीणजनों में जागरूकता फैलाना है,तंबाकू के सेवन से सेहत को काफी नुकसान होता है , हृदय रोग, स्ट्रोक , कैंसर और मधुमेय जैसे रोग होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है, तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों में हर साल करीब 60 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है।
डॉ राजेन्द्र ने बताया कि लोग अधिकांश किशोरावस्था या युवावस्था में दोस्तों के साथ शौक के तौर पर तंबाकू ,गुटखा ,सिगरेट आदि का सेवन करना स्टार्ट करते हैं ,शौक कब आदत और लत में बदल जाती है पता ही नहीं चलता । ग्रामीण इलाकों में अक्सर लोगों को यह मिथ्या होती है कि गुटका या तंबाकू के सेवन से दांतों में कीड़े नहीं लगते हैं, जो कि सच नहीं है ।।
तंबाकू छोड़ने के लिए दो बातें सबसे जरूरी है, पहला इच्छाशक्ति और दूसरा संगत,। तम्बाकू ,पान, गुटखा ,सिगरेट एकदम से ना छोड़े धीरे-धीरे मात्रा कम करें। रक्त में निकोटिन की मात्रा एकदम से कम होने पर समस्या हो सकती है इसलिए इसे धीरे-धीरे ही छोड़ने का प्रयास करें, बारिक सौंफ और मिश्री साथ में रखें जब भी तंबाकू गुटका खाने की इच्छा हो आप यह मिश्रण उपयोग कर सकते हैं । तंबाकू या सिगरेट छुड़ाने के लिए निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी सबसे आसान और अच्छा तरीका है, इसे निकोटीन के चिंगम का उपयोग किया जाता है सिगरेट या तंबाकू की इच्छा होने पर निकोटिन चिंगम चबाने को कहा जाता है। नियमित व्यायाम प्राणायाम और योग का सहारा भी लिया जा सकता है ।।
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन जागरूकता के लिए प्रेरित कर रहा है किसी भी प्रकार की बीमारी से बचने के लिए स्वयं जागरूक बने साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों में सहयोग प्रदान करें। कार्यक्रम में शिक्षक योगेंद्र प्रजापति, ए.एन.एम. गायत्री प्रजापति, आशा ललिता कुशवाहा, सुनीता कुशवाहा, लक्ष्मी शुक्ला, निशा तिवारी सभी का उचित सहयोग रहा।।